आगरा के रामलीला मैदान में बोले थे अटल जी, 5300 वोट देते तो बेईमानी की चाल में सफल न होती कांग्रेस
34 साल पूर्व शहर में निकाला गया था जुलूस, बड़ी संख्या में लोगों ने नहीं मनाई थी होली।
आगरा(जेएनएन): सियायत में उठापटक नई बात नहीं। विधायक सीट के लिए क्या कुछ नहीं किया जाता है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोच कुछ हटकर थी। सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और विपक्षियों पर शब्दों के बाण की बौछार करते थे। 34 साल पूर्व रामलीला मैदान से उन्होंने कहा था कि अगर आगरा छावनी की जनता प्रत्याशी रमेशकांत लवानियां को जीतते हुए देखना चाहती थी तो 5300 वोट अधिक देते। इससे कांग्रेस बेईमानी की चाल में सफल नहीं होती।
बात मार्च 1984 की है। तब प्रदेश के मुख्यमंत्री एनडी तिवारी थे। कृषि मंत्री कृष्णवीर सिंह कौशल थे। आगरा कैंट विधानसभा क्षेत्र से कृष्णवीर सिंह और भाजपा प्रत्याशी रमेशकांत लवानियां आमने-सामने थे। चुनाव में लवानियां को 53 वोट से हरा दिया गया। इसकी शिकायत अटल बिहारी वाजपेयी से की गई। शहर में बड़ा जुलूस निकाला गया। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। यहां तक बड़ी संख्या में लोगों ने होली नहीं मनाई। हर कोई हार से क्षुब्ध था। यह देख रामलीला मैदान में रैली रखी गई। रैली में अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल हुए। 53 वोट से हराने की बात पर कुछ शब्दों की बौछार की। अटल जी ने कहा कि 53 वोट का मार्जिन था, अगर रमेश कांत को 5300 वोट दे देते तो कांग्रेस बेईमानी की चाल में कभी सफल नहीं हो सकती थी। विधायक सीट के लिए कांग्रेस का ईमान डोल गया। तत्कालीन शहर मंत्री योगेंद्र उपाध्याय (वर्तमान में विधायक) ने बताया कि रमेशकांत लवानिया को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। हार से क्षुब्ध लोगों ने पहली बार होली न मनाने का निर्णय लिया था। परिवारवाद को नहीं दिया बढ़ावा:
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल का कहना है कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। न ही परिजनों को राजनीतिक लाभ लेने दिया। व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक बातें को वे अलग-अलग रखते थे।