हरिपदी गंगा में विसर्जित हुई अटल जी की अस्थियां, शोक में डूबा सोरों
कासगंज के सोरों में उमड़ा जन सैलाब। सुरेशा राणा, कलराज मिश्र समेत भाजपा नेता रहे मौजूद। 51 पुरोहितों ने कराया अस्थियों का विसर्जन।
आगरा(जेएनएन): प्यार इतना परायों से मुझको मिला, न अपनों से बाकी है कोई गिला..पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शायद पता था कि देशवासी उनसे कितना स्नेह रखते हैं। शायद इसलिये उन्होंने अपनी कविता में यह पंक्तियां लिखी थीं। शनिवार को इन पंक्तियों की ही बानगी दिख रही थी कासगंज जिले के सोरों में भी।
शाम पांच बजे करीब सोरों में हरिपदी गंगाजी में प्रवाहित करने के लिए अटल जी के अस्थिकलश को लाया गया। मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, सांसद राजवीर ¨सह और राज्यमंत्री संदीप ¨सह आदि कई प्रमुख नेता अस्थिकलश यात्रा लेकर जब सोरों पहुंचे तो दृश्य विहंगम था। गंगा के घाट पर दूर तक जन सैलाब उमड़ रहा था। अवागढ़ घाट पर दो मंच बनाए गए थे। जिनमें से एक पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद थे तो दूसरे पर अस्थि विसर्जन करवाने के लिए 51 पुरोहित।
जन सैलाब को पार करते हुए स्टीमर द्वारा हरिपदी गंगा जी के मध्यअस्थियों का विसर्जन किया गया। अटल जी अमर रहें के नारों के बीच लोग लगातार पुष्पवर्षा करते रहे।
इससे पूर्व विसर्जन कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को दिनभर गंगाजी और तीर्थनगरी में तैयारियां चलती रहीं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कार्यक्रम स्थल और अन्य व्यवस्थाओं को देखा और निर्देश भी दिए। अंतिम संस्कार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां देश की प्रमुख नदियों में विसर्जित की जा रही है। यहां की हरिपदी गंगा में भी अटलजी की अस्थियां विसर्जित की गई। लखनऊ से अलीगढ़ और अलीगढ़ से एटा के मिरहची होते हुए राज्यमंत्री सुरेश राणा अस्थिकलश लेकर पहुंचे।
अस्थियां विसर्जित करने के लिए हरिपदी गंगा के किनारे अवागढ़ अखाड़ा घाट पर दो विशाल मंच बनाए गए थे। अखाड़ा घाट पर अस्थियों का विसर्जन हुआ। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।