भावनाओं को समाहित कर विश्व पटल पर छाए अटल: कलराज
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश ही नहीं विदेश में भी शोक की लहर, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वमान्य नेता के रूप में जाना जाता रहेगा
आगरा (जागरण संवाददाता): पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देश ही नहीं, पूरा विश्व शोकाकुल है। अटलजी ने विश्व पटल पर भारत की जो पहचान बनाई, वह हमेशा अमिट रहेगी। भावनाओं का जो सागर अटल जी के जाने के बाद बना है, वह पीढि़यों तक मन-मस्तिक पर छाया रहेगा।
सोरों में हरिपदी गंगा के अवागढ़ घाट पर कुछ ऐसे ही शब्दों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। कलराज मिश्र ने कहा कि अटलजी निर्भीक लेखक थे, उन्होंने हमेशा अपनी लेखनी से समाज को सही दिशा देने का काम किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कई दल होते हैं, लोग मनभेदों से काम करते हैं, लेकिन अटलजी ने वैचारिक भावों से काम किया। जिससे देश के लोग ही नहीं, पूरे विश्व के लोग शोक में डूबे हुए हैं, हर वर्ग के नागरिक अटल जी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री के ¨चतन का उल्लेख करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अटल जी ने विचारों में भावनाओं को समाहित किया था और राष्ट्र को सर्वोपरि रखा था, इसलिए आज उनके जाने के बाद पूरा देश व्याकुल हो रहा है। हर ओर केवल अटलजी की बातें हो रही है। सोरो में अस्थियां विसर्जित होने से उस पुण्य आत्मा को मोक्ष मिलेगा।
सांसद राजवीर ¨सह ने कहा कि सोरों के विकास के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी, यह अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ब्रज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वयंसेवक से प्रधानमंत्री बनने तक के कामों का वर्णन किया और उनको राजनीति में पं. दीनदयाल उपाध्याय की देन और सच्चा राष्ट्रवादी बताते हुए श्रद्धांजलि दी। सभा का संचालन साहित्यकार डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित ने किया।