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सोशल मीडिया के अथाह आकाश की ASMA की पैनी नजर से निगरानी

चुनावी पोस्ट और सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार को रोकने का टूल है यह।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 10:47 AM (IST)
सोशल मीडिया के अथाह आकाश की ASMA की पैनी नजर से निगरानी

आगरा, यशपाल चौहान। चुनावी मौसम में सोशल मीडिया में हलचल मची हुई है। राजनीतिक कमेंट्स का जोर है। नेताओं और नेतागीरी पर कमेंट्स किए जा रहे हैं। आप भी अगर पोस्ट लिख रहे हैं या कर रहे हैं कमेंट्स, तो रहें सावधान। आपकी एक- एक पोस्ट पर 'आसमा' यानी एप्लीकेशन फॉर सोशल मीडिया एनालिटिक्स नजर गड़ाए हुए है। सामाजिक या राजनीतिक माहौल बिगाडऩे वाली कोई पोस्ट लिखी या कमेंट लिखा तो पुलिस आपको दबोच लेगी।

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पुलिस को सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए 'आसमा' नाम का महत्वपूर्ण टूल वर्ष 2016 में मिला था। मेरठ रेंज कार्यालय में इसका सर्वर है। सभी रेंज कार्यालयों को इसकी निगरानी के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड दे दिए गए हैं। इसके माध्यम से अब तक पुलिस एंटी सोशल और सांप्रदायिक पोस्ट पर निगरानी रख रही थी। समय-समय पर 'आसमा' से एंटी सोशल पोस्ट करने वालों को ट्रेस किया जाता रहा है। इससे कई बार बवाल होने से बचा भी। अब लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दल सोशल मीडिया को अपना हथियार बना रहे हैं। इस पर जनसंपर्क से लेकर लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए उनके समर्थक भ्रामक समाचार या पोस्ट डालने से भी नहीं चूक रहे। इसको देखते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने पहली बार 'आसमा' से सोशल मीडिया पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया है।

कई बार ट्रैस हुए असामाजिक तत्व

पुलवामा हमले के बाद अलीगढ़ के एक युवक ने आइ सपोर्ट पाकिस्तान आर्मी, फेसबुक पोस्ट की थी। आगरा रेंज साइबर सेल ने 'आसमा' की मदद से युवक को ट्रैस कर लिया। इसी तरह आगरा के एक युवक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंटी सोशल फेक प्रोफाइल फेसबुक पर बना दी। रेंज साइबर सेल ने इसे ट्रैस कर लिया।

ऐसे काम करता है आसमा

रेंज साइबर सेल में 'आसमा' एप्लीकेशन एक सिस्टम में खोला जाता है। इसमें सर्च का विकल्प है। रेंज साइबर सेल में बैठे विशेषज्ञ इस पर सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड के अनुसार इस पर एंटी सोशल या कैंपेनिंग वर्ड्स डालकर सर्च करते हैं। यह एप्लीकेशन ऐसे सभी प्रोफाइल सर्च कर देता है, जिन्होंने अपनी पोस्ट में उन वर्ड्स का इस्तेमाल किया हो। या इस तरह की कोई तस्वीर डालकर कैप्शन लिखा हो। इसके बाद संबंधित प्रोफाइल पर जाकर आइपी एड्रेस के हिसाब से इसे पोस्ट करने वाला व्यक्ति ट्रैस कर लिया जाता है।

इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रखता है नजर

ट्वि‍टर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब

दिनभर रखी जा रही निगरानी

चुनाव में सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए 'आसमा' का प्रयोग शुरू हो रहा है। इसके लिए साइबर प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है, जो दिनभर सोशल साइट्स की निगरानी रखते हैं। असामाजिक या भ्रामक पोस्ट करने वालों को ट्रैस कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लव कुमार, डीआइजी  


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