फूलों के डोले में विराजित अष्टसखिय मिलने पहुंची वृषभानु नंदनी से Agra News
बरसाना में पहली बार किया जा रहा है आयोजन। हजारों की संख्या में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु।
आगरा, जेएनएन। भजनों की धुन और ढोल की थाप संग फूलों से सजे डोलों पर विराजित हो अष्टसखियां वृषभानु नंदनी से लाड़ली मंदिर मिलने पहुंचीं। यहां राधा रानी संग अष्टसखियां पहली बार फूल बंगला में विराजित होंगी।
यूं तो रविवार की भोर राधा की नगरी बरसाना में अन्य दिनों की भांति हुई थी लेकिन इस आम से प्रतीत होते दिन में कुछ खास था। पहली बार राधारानी की आठों सखियों के विग्रह राधारानी संग विराजित होने वाले थे। फूल बंगला की सजावट के मध्य भक्तों दर्शन देकर कृतार्थ किया जाना था। इस भक्तिपूर्ण दृश्य के गवाह बने रहे थे सैंकड़ों भक्त। सुबह अष्टसखियां फूलों के डोले में विराजित होकर लाड़ली जी के मंदिर पहुंची। मार्ग में भक्त नाचते गाते हुए शामिल हुए। मंदिर सेवायत आचार्य मनोज कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि राधारानी की नगरी बरसाना में पहली बार श्रीजी मंदिर सेवायतों के विशेष आग्रह पर अष्टसखियों के गांवों से ग्रामीण श्रीजी की प्रिय सखियों के विग्रह को लेकर बरसाना आए हैं। यहां भानगढ़ पर अष्टसखियों के विग्रहों को महारानी राधिका के साथ फूल बंगले में विराजमान कराया गया। इससे पूर्व राधा बाग स्थित मोहन निकुंज आश्रम में बरसाना से सटे हुए गांवों से श्रीजी की अष्टसखियों के विग्रह आने शुरू हो हुए। राधाबाग स्थित मोहन निकुंज से राधारानी की अष्ट सखियों के विग्रह रथों में विराजमान होकर बरसाना धाम की परिक्रमा की। विग्रह के साथ आये ग्रामीण रथ के आगे कीर्तन करते हुए चले। परिक्रमा के पूर्ण होने पर अष्टसखियों को श्रीजी मंदिर ले जाया गया जहां श्रीजी के साथ उनकी प्रिय आठों सखियों को अलग-अलग फूल बंगले में विराजमान कराया गया। शाम को भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे।
इन गांवों से आएंगे अष्टसखियों के विग्रह
ललिता सखी (ऊंचागांव), इंदु लेखा (आजनौक), विशाखा सखी (कमई), चम्पकलता (करहल), चित्रा सखी (चिकसौली), सुदेवी सखी (सुनहरा), तुंगविद्या (डभाला), रंगदेवी (रंकोली)
महोत्सव में पधारे ये संत
उत्तराखंड पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी कृष्णाचार्य महाराज, ब्रज के विरक्त सन्त रमेश बाबा महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, सन्त विनोद बिहारी दास महाराज पधारे हैं।
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