ग्रामीण क्षेत्र में आशा की किरण बनीं आशाएं, कर रहीं पल्स और आक्सीजन की जांच
ग्रामीणों की पल्स और आक्सीजन की जांच कर रहीं आशाएं। आशाओं को दिए गए हैं पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर। जिले की 690 ग्राम पंचायतों में सिर्फ 94 ग्राम पंचायतों में ही कोरोना संक्रमित मरीज हैं।596 ग्राम पंचायतें कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हो चुकी हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कवायद की जा रही है। ग्रामीणों की जांच के लिए प्रत्येक आशा को पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर दिए गए हैं। इससे प्रत्येक ग्रामीण की जांच की जा रही है। संक्रमितों के साथ-साथ ऐसे व्यक्ति भी चिह्नित किए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण हैं। ऐसे लोगाें को आशाओं के माध्यम से दवाओं की किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।
कोराेना से ग्रामीण क्षेत्र में चल रही जंग में आशा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला है। मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने निर्देश दिए हैं कि जिले में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित ग्राम पंचायतों के निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को विकास खंडों के लिए तैनात किए गए नोडल अधिकारियों तथा न्याय पंचायत के लिए तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेटों को सैनिटाइजर, ग्लब्स, मास्क आदि उपलब्ध कराया जाए। आशाओं को मेडिसिन किट के साथ सैनिटाइजर, ग्लब्स, मास्क भी उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए पंपलेट तथा पोस्टर लगाए जाएं। ये पंपलेट या पोस्टर निगरानी समिति या सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि जिले की 690 ग्राम पंचायतों में सिर्फ 94 ग्राम पंचायतों में ही कोरोना संक्रमित मरीज हैं। 596 ग्राम पंचायतें कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हो चुकी हैं। यहां पिछले कई दिनों से एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है। जबकि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में कोरोना जांच की प्रक्रिया लगातार चल रही है। विकास भवन में बने कालिंग सेंटर के माध्यम से कोरोना संक्रमितों से लगातार फीडबैक भी लिया जा रहा है।