Arjun Award: वाराणसी के विशेष को मिलने वाला अर्जुन पुरस्कार आगरा के लिए भी है इस वजह से 'विशेष'
Arjun Award वाराणसी के हैं विशेष भृगुवंशी बॉस्केटबॉल के शानदार खिलाड़ी। तीसरी बार हुआ चयन खेल को ऊंचाइयों पर ले जाएगी सफलता।
आगरा, संदीप शर्मा। बॉस्केटबॉल खेल भले क्रिकेट और हॉकी की जितना लोकप्रिय न हो, लेकिन अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में तीसरी बार शामिल हुए वाराणसी के विशेष भृगुवंशी ने इस खेल को भी इसकी पहचान दिलाने का काम किया है। विशेष का नाम आगरा के लिए नया नहीं हैं, यहां तमाम खिलाड़ी उनके साथ न सिर्फ खेले हैं, बल्कि शानदार उपलब्धियां भी पाई हैं। उनके साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रसप्रीत सिद्धू व अरविंद अन्नादुरई को भी इसी खेल के लिए नामांकित हुए हैं।
प्रदेश की टीम से खेलते हुए उन्होंने तमाम उपलब्धियां पाई। उनमें से एक यह भी है कि वह आगरा के गीतम सिह, शादाब खान, सुधीर पाल आदि खिलाड़ियों के साथ जूनियर से लेकर सीनियर प्रतियोगिताओं तक में खेले। गीतम सिंह और शादाब का उनके साथ खेलते हुए रेलवे की टीम में भी चयन हुआ। 2005 से उप्र बॉस्केटबॉल का स्वर्णिम युग आया और प्रदेश की टीम ने लगातार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सब जूनियर 14 वर्ष, यूथ की 17 वर्ष और जूनियर वर्ग 19 वर्ष में फाइनल तक पहुंची। विजेता बने, उप विजेता बने और तीसरे स्थान पर रहे, जिनमें विशेष के साथ आगरा के गीतम सिहं, शादाब और सुधीर पाल की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
स्थानीय रैफरी भी हैं मुरीद
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मैच खिलाने में आगरा के सचिन दत्त जोशी, जितेंद्र जैन, शैलेंद्र सोनी, प्रतिभा रावत जैन इनमें मैच में रैफरी बनकर मैच खिला चुके हैं। वहीं उप्र बॉस्केटबॉल प्रतियोगिताओं में रीनेश मित्तल, राहुल सक्सेना, हरेंद्र प्रताप शर्मा, दीपक, कुलदीप आदि इनके मैच में रैफरी रह चुके हैं। 2005 से 2008 के बीच में विशेष ने माध्यमिक शिक्षा के यूपी कॉलेज वाराणसी में पढ़ते हुए वाराणसी की टीम से प्रदेश स्कूल गेम्स में हिस्सा लिया। इस दौरान वह तीन चार बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए आगरा भी आए। हर बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए चयनित हुए, लेकिन एक ही बार स्कूल नेशनल्स खेलने के लिए गए।
चयनकर्ताओं में खुशी
रीनेश मित्तल ने बताया कि उस दौरान प्रदेश के उनके चयनकर्ता और प्रशिक्षक भी रहे। बॉस्केटबॉल संघ के सचिव डॉ. हरी सिंह का कहना है कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि तीन बार उनका चयन इस पुरस्कार के लिए हो चुका है। इस बार उन्हें यह मिल जाए, तो खेल को और समर्थन मिलने लगेगा।
साथियों ने भी पाया मुकाम
विशेष के बड़े भाई विभोर भृगुवंशी उप्र और राष्ट्रीय टीम के प्रशिक्षक भी हैं। विशेष के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में साथ खेले गीतम सिंह इस समय आगरा कैंट स्कूल में नियुक्त हैं, जबकि शादाब खान रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में हैं। सुधीर पाल सेना में कार्यरत हैं।