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मजबूर मां ने लगा दी जिगर के टुकडे़ की बोली

उल्टी दस्त होने पर एसएन में भर्ती डेढ़ महीने के बेटे को बाहर ले आई मां अछी परवरिश को इमरजेंसी के गेट पर बेटे की बोली लगाने लगी मां

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 05:00 AM (IST)
मजबूर मां ने लगा दी जिगर के टुकडे़ की बोली
मजबूर मां ने लगा दी जिगर के टुकडे़ की बोली

जागरण संवाददाता, आगरा: सरोजनी नायडू (एसएन) मेडिकल कालेज की इमरजेंसी के गेट पर मंगलवार को एक मजबूर मां ने जिगर के टुकड़े की बोली लगा दी। एक महिला उसे दस हजार रुपये में लेने को तैयार भी हो गई। जानकारी पर एसएन प्रशासन ने मासूम के साथ ही मां को भी इमरजेंसी में भर्ती करा दिया।

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पिकी निवासी गोपालपुरा, नंदपुरा थाना सदर ने उल्टी-दस्त होने पर डेढ़ साल के बेटे अर्जुन को सोमवार को एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया। मंगलवार सुबह वह बेटे को लेकर इमरजेंसी से बाहर आ गई, बेटे को गोद में लेकर इमरजेंसी के गेट पर बैठ गई। राहगीरों से बच्चे को खरीदने के लिए कहने लगी, इससे महिलाओं की भीड़ लग गई। किसी ने पांच हजार तो किसी ने आठ हजार रुपये देने के लिए कहा, खंदारी निवासी महिला 10 हजार रुपये में बच्चे को खरीदने के लिए तैयार हो गई। वह बाजार से नए कपड़े खरीद लाई। इस बीच जानकारी पर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस वहां पहुंच गए। पिकी ने बताया कि उसके पति लोकेश शराब पीते हैं, उसे दौरे पड़ते हैं। बड़ा बेटा प्रमोद तीन साल का है, उसका लालन-पालन जेठानी कर रहीं हैं। अर्जुन की ठीक परवरिश हो सके, इसके लिए वह उसे किसी को देना चाहती है। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला ने पिकी और उसके बेटे को इमरजेंसी में भर्ती करा दिया।

एक दूसरे पर टालते रहे, नहीं लगा फोन

सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि बच्चे को खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ लगने पर हेल्प लाइन नंबर पर फोन किया। 181 महिला हेल्प लाइन बंद है, आशा ज्योति केंद्र प्रभारी ने फोन नहीं उठाया। 1090 पर संपर्क करने पर कहा कि संबंधित थाने में संपर्क करें। 112 नंबर लगा नहीं, पुलिस अधिकारियों के फोन पीआरओ ने उठाए, उन्होंने भी थाने में संपर्क करने के लिए कह दिया, एसपी सिटी कार्यालय में फोन करने के बाद थाना एमएम गेट की पुलिस पहुंची। इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम से मिल सकते हैं दो हजार रुपये प्रतिमाह

असहाय को बच्चों के लालन-पालन के लिए इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम से हर महीने दो हजार रुपये दिए जाते हैं। एक दंपती को दो बच्चों के लालन पालन के लिए चार हजार रुपये प्रति महीने तक मिल सकते हैं। इंस्पेक्टर सदर ने महिला की आर्थिक मदद की

महिला के अबोध बेटे की बोली लगाने की जानकारी जब इंस्पेक्टर सदर जितेंद्र कुमार को मिली तो वे द्रवित हो गए। उन्होंने महिला की 11 हजार रुपये की आर्थिक मदद की।


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