Migratory Birds in Agra: ताजमहल के साये तले 'मेहमान' बना रहे आशियाने, इन पक्षियों ने डाला है डेरा
Migratory Birds in Agra ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित ताज नेचर वाक में हुदहुद (हुपु) कई पुराने वृक्षों पर दिख जा रहा है। इस पक्षी को शाहजहां गार्डन में सौ वर्ष से ज्यादा पुराने इमले के वृक्षों पर भी देखा जा रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। पर्यटकों की सूची में स्थान रखने वाली ताजनगरी पक्षियों को भी रास आ रही है। ताजनगरी में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी सर्दी शुरू होते ही पहुंचे लगे हैं। शहर के किसी न किसी कोने में रोज नए पक्षी नजर आ रहे हैं।
ताजमहल के पूर्वी गेट स्थित ताज नेचर वाक में हुदहुद (हुपु) कई पुराने वृक्षों पर दिख जा रहा है। इस पक्षी को शाहजहां गार्डन में सौ वर्ष से ज्यादा पुराने इमले के वृक्षों पर भी देखा जा रहा है। प्रकृति प्रेमी अकुंश देव पक्षियों के लिए भी काम करते हैं। अकुंश देव के अनुसार हुपू इजरायल का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत में इसे कठफोड़वा के नाम से जानते हैं। यह रंग-बिरंग होता है। उन्होंने बताया कि यह पक्षी अफ्रीका और यूरेशिया के इलाको में ज्यादा पाया जाता है। इसकी चोंच लंबी होती है। जिसके माध्मय से पुराने वृक्षों की खगोड़ल में से दीमक पकड़कर उसका भोजन करता है।
बायोडाइवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डा. केपी सिंह ने बताया कि मुनिया की भी कई प्रजाति आगरा पहुंची हैं। जिसमें ट्राइकलर मुनिया, चेस्टनट मुनिया आगरा के सेवला और मथुरा में खूब देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्राइकलर मुनिया बाग्लादेश, श्रीलंका सहित भारत में पाया जाता है। ये बहुत फुर्तीले होते हैं। एक डाल से दूसरी डाल पर पलभर में पहुंच जाते हैं। सोसायटी की टीम पिछले सात दिनों से आगरा और मथुरा में पक्षियों की गणना कर रहे हैं। इसमें विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे गए हैं।