Cyber Crime: तीन राज्यों में फैला है 'अपना टाइम आएगा' गैंग, इस तरह देते हैं Online धाेखा
Cyber Crime अपना टाइम आएगा गिरोह ने पीछे छोड़ा झारखंड का जामताड़ा भी। हरियाणा राजस्थान और मथुरा समेत दो दर्जन गांवों में जुड़े गिरोह के तार। गिरोह में शामिल शातिरों के भी अपने अलग-अलग काम है। गिरोह दूसरे शहरों के लोगों को बंधक बनाकर फिरौती तक वसूली रहा है।
आगरा, जेएनएन। हरियाणा, राजस्थान और मथुरा समेत दो दर्जन गांवों में अपना टाइम आएगा गिरोह का नेटवर्क फैला हुआ है। साइबर अपराधियों के इस गिरोह ने आनलाइन ठगी में झारखंड के जामताड़ा को भी पीछे छोड़ दिया है। गिरोह में शामिल इन शातिरों के भी अपने अलग-अलग काम है। कोई फेसबुक आइडी हैक कर नकदी मांगने में माहिर तो कोई बैंक खातों की जानकारी कर नकदी उड़ाने का मास्टमाइंड है। शापिंग वेबसाइट पर सामान की खरीद-फरीद कर का विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसने और उनको अपने इलाके में बुलाकर लूटपाट तक गिरोह कर रहा है। गिरोह दूसरे शहरों के लोगों को बंधक बनाकर फिरौती तक वसूली रहा है।
पहले ये था तरीका
स्थानीय स्तर पर साइबर अपराधियों को टटलू नाम दिया गया है। जो लालची आदमी को मनोवैज्ञानिक ढंग से अपने जाल में फंसा कर ठगने की महारथ हासिल कर चुके है। तीन दशक पहले ये टटलू पशु बाजार में नकली सोने की ईंट, गिन्नी रास्ते में डालकर के आपास में लड़ते थे और राहगीरों से हिस्सा बंटवारा करने के नाम पर उनको फंसा कर नकदी और गहने लूट कर ले जाते थे। इसके बाद इस गिरोह ने अपना तरीका बदला और काल कर लोगों को खोदाई में सोने की ईंट मिलने और उसको बाजार से भाव से सस्ती दर पर बेचने के लिए लोगों को दूरराज से बुलाने लगे। उनसे लूटपाट करने लगे। अब ये आनलाइन ठगी कर रहे है।
ये है गांव
थाना गोवर्धन के क्षेत्र के गांव देवसेरस और मुडसेरस, बरसाना क्षेत्र के गांव हथिया, कोसीकला का गोपाल बाग मुहल्ला थाना शेरगढ़ का गांव विशम्भरा और जंघावली, राजस्थान के भरतपुर के गांव जुरहेरा, गामड़ी, कामा और हरियाणा के नूंह, फिरोजपुर झिरका, रिगड, रनियाल, उटावड़।
देवसेरस टाप पर
अपराध के लिए कभी मथुरा जिले का गांव हथिया और विशंभरा कुख्यात रहा था, लेकिन अब थाना गोवर्धन क्षेत्र का गांव देवसेरस टाप पर है। देवसेरस में साइबर अपराध करने के लिए शातिरों की अलग अलग टीम है। फेसबुक आइडी हैक करने, काल करने, गूगल पे और पेटीएम से नकदी ट्रांजेक्शन करने में यह माहिर है। साइबर अपराध में फर्जी आइडी, सिम का प्रयोग किया जा रहा है। अपनी आइडी पर शातिर सैनिक, पुलिस, नेता और प्रभावशाली लोगों को फोटो लगा रहे है। होटल, दुकानों पर समान बुक कराने और उनके पैसे का भुगतान करने के नाम पर सामने वाली पार्टी का पिन कोड जानकर बैंक खाताें से नकदी पार कर रहे है। अभी तक देवसेरस में पुलिस यह जानकारी कर पाई है, इस गांव में साइबर अपराधी कितने है। पुलिस को साइबर अपराध से संबंधित दो तीन प्रार्थना पत्र प्रतिदिन मिल रहे है।
अपना भी टाइम आएगा
राजस्थान के कामा से लेकर कोसीकलां के गांव सिरथला तक अरावली पर्वत की श्रृंखला है। पहाड़ के दोनों तरफ मथुरा, राजस्थान और हरियाणा का मेवात इलाका है। मेवों के तीनों ही राज्यों में आपस में रिश्ते भी है। इनके पास एक विस्तृत क्षेत्र है, जो भरतपुर, नूह, मेवात, पलवल और गुरुग्राम तक फैला है। मेवात में एक गिरोह है, जिसका नाम है अपना टाइम आएगा। ये गिरोह साइबर अपराध कर रहा है। आनलाइन शापिंग के लिए वाहन, स्क्रैप, सोना, सीसीटीवी लगवाना, आरओ प्लांट लगवाना, सोलर एनर्जी प्लांट आदि के विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहा है।
काल सेंटर से सीख रहे तकनीक
गिरोह अपने ही बीच के युवकों को काल सेंटर पर नौकरी करवा करा है। विभिन्न कंपनियों के काल सेंटर पर काम करके यह तकनीक सीख रहे है। देवसेरस, विशंभरा, हाथिया और जुरहेरा के एक दर्जन युवक दिल्ली और जयपुर में रह रहे है। आइटी और कंप्यूटर साइंस का डिप्लोमा तक भी हासिल कर रखा है। वे केवल यहां तकनीकी सिखाने के लिए आते हैं और चले जाते है।
लगातार साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी पकड़े जा रहे हैं। जो बार बार ऐसे कार्यों में लिप्त हैं ,उन्हें चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है।
--डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी