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आलू राजा की बर्बादी रोकने को ये प्रयास होगा कारगार, नहीं निकलेगा किसानों का दीवाला Agra News

20 को टीम संग आएंगे एपीडा के उप्र नोडल अधिकारी। दक्षिण भारत यात्रा के दौरे पर सांसद चाहर ने उठाई थी आलू किसानों की समस्या।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 02:23 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:42 PM (IST)
आलू राजा की बर्बादी रोकने को ये प्रयास होगा कारगार, नहीं निकलेगा किसानों का दीवाला Agra News
आलू राजा की बर्बादी रोकने को ये प्रयास होगा कारगार, नहीं निकलेगा किसानों का दीवाला Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आलू की बर्बादी से जूझते किसानों के दर्द का समाधान तलाश रहे सांसद राजकुमार चाहर को सफलता मिली है। हाल ही में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रलय की 11 सदस्यीय स्थाई समिति के साथ दक्षिण भारत यात्र के दौरान उन्होंने समस्या को उठा उसके समाधान के लिए एपीडा टीम को आमंत्रित किया था। इसी क्रम में 20 जनवरी को एपीडा के उप्र के नोडल अधिकारी आलू की फसल के निरीक्षण के लिए टीम के साथ आ रहे हैं।

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सांसद राजकुमार चाहर ने बताया कि आलू की फसल गुणवत्ता परक हो, जिससे उसे खरीदार, बाजार मिल सके और घाटा न हो ये प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए एपीडा के चेयरमैन पवन कुमार बेथिकर से आलू की गुणवत्ता बढ़ाने और किसानों को होने वाला घाटा रोकने पर चिंतन हुआ। इसका स्थाई समाधान तलाशना है, जिससे बेहतर फसल के साथ आलू किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। सांसद ने बताया कि एपीडा के उप्र के नोडल अधिकारी सीवी सिंह टीम के साथ 20 जनवरी को आएंगे। आलू के खेतों के निरीक्षण के बाद बैठक में उद्यान विभाग, कृषि विभाग, कृषि विपणन, मंडी परिषद सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूदगी में चिंतन होगा। आलू निर्यात के लिए क्रय केंद्र भी आगरा में खुलवाने का प्रयास है। मार्च में आलू किसान एवं निर्यातकों की कार्यशाला भी प्रस्तावित है, जिससे किसानों को बेहतर बाजार मिल सके। साथ ही मसाला बोर्ड से भी चर्चा हुई है, जिससे पुदीना को बाजार मिल सके उसके भी प्रयास किए जा रहे हैं।

आसमानी आफत से आलू सड़ने और सरसों में फली नहीं आने की आशंका

बुधवार से शुरू हुई बारिश ने गुरुवार तक खेतों को जलमग्न कर दिया, तो ओलावृष्टि ने खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है। इससे आलू और सरसों की फसल पर बड़ा संकट आ गया है। किसानों को जल्द ही खेतों में भरा हुआ पानी निकालना होगा, नहीं तो आलू का कंद सड़ जाएगा। वहीं बारिश और ओलों की मार से कई स्थानों पर सरसों का फूल झड़ा है और फसल खेतों में बिछ गई है। अगर मौसम नहीं खुला तो फसलों में 50 से 60 फीसद नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

फतेहाबाद के पैतीखेड़ा में बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी सरसों की फसल को बिछा दिया है। बरहन में खेतों में पानी घुस गया है और रुक-रुककर बारिश हो रही है। जगनेर में बारिश से सरसों, मिर्च, आलू, सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। खेरागढ़ में बारिश और ओलावृष्टि ने सरसों की फसल को बिछा दिया है। आलू खेतों में भी पानी भर गया है। इरादत नगर, सैंया, मलपुरा, बरौली अहीर में बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया है। ओलों की मार से सरसों का फूल झड़ गया है। किसानों ने बताया कि रोहता, गढ़ी ठाकुर दास, इटोरा जरुआ कटरा, जखोदा में ओलावृष्टि भी हुई है।

लादू खेड़ा के किसान राजकुमार ने बताया कि बारिश से गुलाब की फसल में नुकसान हुआ है। किरावली, अछनेरा में बारिश ने आलू और सरसों को नुकसान पहुंचाया है। फतेहपुर सीकरी में पूरे दिन बारिश होती रही और दोपहर में ओलावृष्टि भी हुई। इससे आलू का पत्ता फटा है और सरसों के फूल झड़े हैं।

बाह में पूरे दिन हुई बारिश ने कई बार भीषण रूप लिया। बड़ागांव के किसान जयप्रकाश ,नहटौली के श्री कृष्ण, जैतपुर के जयराम बरुआ ने बताया कि खेतों में पानी भर गया है। इससे आलू में सड़न पड़ने की आशंका है। सरसों के फूल को नुकसान हुआ, जिससे फली बनने में मुश्किल होगी। पिनाहट में बारिश और ओलों की मार ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। शमसाबाद में दोपहर बाद ओलावृष्टि हुई, जिससे सब्जियों, सरसों को नुकसान पहुंचा। बारिश से खेतों में पानी भर गया है।

बीमा के लिए 72 घंटे के अंदर करें आवेदन

जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश ने बताया कि फसलों को बारिश, ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। आलू की फसल को फफूंद वाले रोगों से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा का छिड़काव ढाई किलो प्रति हेक्टेयर करना चाहिए। ये पिछैती झुलसा, जड़, तना गलन की रोकथाम के लिए उपयोगी है। अगर कहीं सरसों खेत में गिर गई है या आलू को नुकसान पहुंचा है तो किसान 72 घंटे के अंदर बीमा के लिए आवेदन करें।


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