Anti Corruption: यूपी में सबसे ज्यादा करप्शन राजस्व विभाग में, पांच साल में पकड़े जा चुके अब तक 340 रिश्वतखाेर
Anti Corruption भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने वर्ष 2017 से अगस्त 2022 के दाैरान 340 लोगों को रिश्चत लेते पकड़ा गया। जिसमें 135 आरोपित राजस्व विभाग के थे 45 लोगों के साथ पुलिस विभाग दूसरे नंबर पर। अब सीधे रकम हाथ में पकड़ने से बचने लगे हैं सरकारी अफसर।
आगरा, अली अब्बास। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रिश्चतखोर राजस्व विभाग में हैं। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन ब्यूरो) के आंकड़े भी यही बताते हैं।वर्ष 2017 से अब तक 340 सरकारी कर्मचारियों को रिश्चत लेते एंटी करप्शन ने गिरफ्तार किया। उन्हें जेल भेजा। जिसमें 135 राजस्व विभाग के थे। जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई। वहीं, पुलिस विभाग दूसरे स्थान पर रहा, 45 पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया।
पांच साल में 340 गिरफ्तार
भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा पांच साल के दौरान रिश्वत लेते हुए 340 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें राजस्व और पुलिस विभाग के अलावा 160 लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत आदि विभागों के थे। एंटी करप्शन ने इन पांच वर्ष के दौरान 52 लाख रुपये से अधिक रिश्वत की रकम रंगे हाथों लोगों को गिरफ्तार कर उनसे बरामद की।
सीधे रिश्वत लेने से बचने का करने लगे हैं प्रयास
भ्रष्टाचारी भी अब सीधे रिश्वत की रकम लेने से बचने का प्रयास करने लगे हैं। वह रिश्वत लेने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। सी तीसरे व्यक्ति के माध्यम से रकम लेने का प्रयास करते हैं। पीड़ित को संबंधित व्यक्ति के पास रकम देकर आने की कहते हैं। जो कि विभाग का न होने के चलते पकडे जाने पर भी उन पर आंच न आए। मगर, लालच उन्हें इसमें फंसा देता है। पीड़ित द्वारा किसी और को रकम देने से मना करने पर वह रिश्वत खुद ले लेते हैं। रकम पकड़ते ही सलाखों के पीछे चले जाते हें।
किसान ने बेच दिया था अनाज
लेखपाल को रिश्वत देने के लिए शमसाबाद के किसान ऊदल सिंह कुशवाह को अपने साल भर खाने के लिए रखा गेंहू बेचना पड़ा था। उनसे लेखपाल ब्रजमोहन कुशवाह ने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। बाद में वह 25 हजार रुपये में उनका काम करने को राजी हो गया था। किसान ने एंटी करप्शन विभाग में शिकायत की, जिसके बाद उसे 16 सितंबर को रिश्वत की रकम समेत पकड़वाने के बाद सलाखों के पीछे भिजवा दिया।