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Ambedkar University: नहीं मिली Online सुविधा से भी राहत, अब भी चक्कर लगाने काे मजबूर छात्र

Ambedkar University निपटारे को शुरू की गई ऑनलाइन सुविधा भी फेल। कर्मचारियों के रवैये से परेशानी नहीं होती सुनवाई।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 04:33 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 04:33 PM (IST)
Ambedkar University: नहीं मिली Online सुविधा से भी राहत, अब भी चक्कर लगाने काे मजबूर छात्र
Ambedkar University: नहीं मिली Online सुविधा से भी राहत, अब भी चक्कर लगाने काे मजबूर छात्र

आगरा, जागरण संवाददाता। आंबेडकर विवि की सबसे बड़ी समस्या अंकतालिका और डिग्र्री समय पर न मिलना रही है। इसके निपटारे को दो साल पहले शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था से भी कोई राहत नहीं मिली है। इस समय करीब 20 हजार आवेदन पेंडिंग हैं। परेशान विद्यार्थी रोज विवि आकर लौट जाते हैं। उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है।

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लॉकडाउन के बाद विवि को खुले डेढ़ महीने से अधिक समय हो गया है। इस अवधि में ऑनलाइन डिग्री और अंकतालिकाओं को पेंडिंग पड़ी शिकायतों के निपटारे में कोई प्रगति नहीं हुई है।

एजेंसी ठीक करती है अंकतालिका और डिग्री

असल में विवि की यह पूरी प्रक्रिया ही उलझी हुई है। परीक्षा संबंधी काम एक एजेंसी के हवाले किया हुआ है। अंकतालिका या डिग्री में कोई गड़बड़ एजेंसी को ही ठीक करनी है। एजेंसी से बात करने का अधिकार कुलपति, कुलसचिव या परीक्षा नियंत्रक को ही है। विवि प्रशासन ने शिकायतों के निपटारे को जून के पहले हफ्ते से कर्मचारियों को बुलाना शुरू किया था। इसके बाद भी समस्या जस की तस है।

पिछले साल जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर भी बंद

पूर्व कुलपति प्रो. अरङ्क्षवद दीक्षित ने विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। इन नंबरों पर विद्यार्थी अपनी शिकायत दर्ज कराने के साथ उसका अपडेट भी ले सकते थे। एक साल में ही नंबर उठना बंद हो चुके हैं।

यह है सबसे ज्यादा आने वाली शिकायतें

- अंकतालिका में प्रयोगात्मक अंक न दर्ज होना

- प्रथम-द्वितीय वर्ष के फाइनल मार्कशीट में अंक नहीं चढऩा

- आवेदन के बाद भी डिग्री न मिलने की शिकायतें

- 2015 बीएड की डिग्री

- 2018 में स्नातक स्तर पर प्रथम व द्वितीय वर्ष की अंकतालिका न मिलने की शिकायतें

'एमकॉम की डिग्री के लिए ऑनलाइन शिकायत की थी। सुनवाई नहीं हुई तो विवि आया हूं। चार दिन से लगातार चक्कर काट रहा हूं। कोई सही जवाब ही नहीं दे रहा है।

- सोनू,. बल्केश्वर आगरा

'बीएड की डिग्री के लिए महीनों से चक्कर काट रहा हूं। एक विभाग से दूसरे विभाग में भेज देते हैं। ऑनलाइन एप्लीकेशन लगा चुका हूं।

- अजय किशोर, रेलवे स्टेशन के पास मथुरा

'डिग्र्री के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। अब खुद चक्कर काट रहा हूं। अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।Ó

- मो. जाहिद, ताजगंज आगरा

'छह महीने से एमबीबीएस डिग्री के लिए विवि के चक्कर काट रहा हूं। तीन महीने विवि बंद रहा। अब फिर से हर दूसरे दिन विवि में आ रहा हूं।

- शशांक, छात्र रामा मेडिकल कॉलेज कानपुर

'मैं जानता हूं कि इस विवि में अंकतालिका और डिग्री की समस्या सबसे बड़ी है। लगातार इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रहा हूं। थोड़ा समय और सहयोग चाहिए।

- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति  


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