तमाम उपाय, आगरा में कूड़ा जलने से रोक नहीं पाए, हर दिन तीन टन कचरे में लगती है आग
आगरा में आम आदमी से लेकर सफाई कर्मचारी कूड़े को हैं जलाते चार से पांच टन कूड़े नाले में है फेंका जाता। दो माह के भीतर नगर निगम प्रशासन ने एक भी नहीं की है कार्रवाई। मौसम सर्द होने के साथ जलता हुआ कचरा बढ़ाएगा आगरा में स्मॉग।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज ट्रेपेजियम जोन प्राधिकरण की बैठक में कमिश्नर ने कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। नगर निगम के सौ वार्डों में हर दिन तीन टन से अधिक कूड़ा जलता है। यह कूड़ा आम आदमी और सफाई कर्मचारी जलाते हैं लेकिन दो माह के भीतर निगम प्रशासन ने एक भी कार्रवाई नहीं की है। हर दिन दो से तीन कूड़ा जलाने की शिकायतें भी मिलती हैं। जिस तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए। वह नहीं हो रही है। यही नहीं, नालों में चार से पांच टन कूड़ा फेंका जाता है। इससे जल्द नाले चोक हो जाते हैं। इधर मौसम अब सर्द होना शुरू होगा, इसके साथ ही कचरे में आग लगाए जाने से आगरा में स्मॉग की भी शुरुआत होगी।
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक जलता है कूड़ा
यूं तो शहर भर में कूड़ा जलता है लेकिन इसमें प्रमुख रूप से शास्त्रीपुरम, मधुनगर, सेवला, सीता नगर, टेढ़ी बगिया, कछपुरा, जीवनी मंडी रोड, शमसाबाद रोड, अर्जुन नगर, ईदगाह, नगला छउआ, मंटोला रोड, सिकंदरा, बोदला, कमलानगर का आउटर एरिया, दयालबाग।
हर दिन पहुंचती हैं 150 शिकायतें
सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम में हर दिन 150 से अधिक शिकायतें पहुंचती हैं। इन्हें जांच के लिए संबंधित अधिकारी के पास भेज दिया जाता है।
नगर निगम एक नजर में
- नगर निगम में सौ वार्डों में पांच हजार मुहल्ले हैं।
- कुल भवनों की संख्या 3.15 लाख है।
- हर दिन 400 टन सूखा, 300 टन गीला कूड़ा निकलता है जबकि 50 टन सिल्ट भी होती है।
- सूखे कूड़े को प्रासेस किया जाता है। गीले कूड़े से खाद तैयार होती है।
कूडा जलना पर्यावरण के लिए उचित नहीं
पर्यावरणविद् डा. शरद गुप्ता का कहना है कि कूड़ा जलना पर्यावरण के लिए उचित नहीं है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। कूड़ा जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।