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New Education Policy: अब स्नातक के सभी छात्र चुन सकेंगे NCC का विकल्प, नौकरी में भी होगा मददगार

एनसीसी ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाने के लिए यूजीसी ने जारी किया सभी विश्वविद्यालयों को पत्र। चाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत स्नातक के छात्रों को यह विकल्प मिलेगा। निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। डिग्री के साथ बोनस अंक भी मिलेंगे।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 09:03 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 09:03 AM (IST)
एनसीसी के नए प्रावधान पर चर्चा करते 1यूपी वाहिनी एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल अजय मिश्रा व अन्‍य।

आगरा, जागरण संवाददाता। नई शिक्षा पद्धति (एनईपी 2020) के अनुसार विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब एनसीसी को ऐच्छिक विषय के रूप में चुन सकेंगे। चाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत स्नातक के छात्रों को यह विकल्प मिलेगा। यह कहना था 1यूपी वाहिनी एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल अजय मिश्रा का। वह ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर मनोज मोहन के निर्देश पर वाहिनी से संबंधित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं एनसीसी अधिकारियों की आनलाइन बैठक में विचार व्यक्त कर रहे थे।

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उन्होंने बताया कि इस नई पहल से एनसीसी के विद्यार्थी बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के साथ ही अब उच्च प्रशिक्षण के लिए अकादमिक क्रेडिट भी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकार की रोजगार प्रोत्साहन योजनाओं में भी अतिरिक्त विशेष लाभ प्राप्त करने के पात्र हो सकेंगे। निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। डिग्री के साथ बोनस अंक भी मिलेंगे। एनसीसी को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाएगा, इस नए पाठ्यक्रम को यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार छह सेमेस्टर और 24 क्रेडिट पोइंट में विभाजित किया गया है। यह कोर्स नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जिससे एनसीसी के छात्रों को भविष्य में भी लगातार बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होते रहेंगे। कर्नल अजय मिश्रा ने आगे बोलते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को एनसीसी को एक सामान्य क्रेडिट कोर्स (जीसीसी) के रूप में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान एवं हरियाणा सरकार द्वारा अभी हाल ही में एनसीसी को सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में इलेक्टिव सब्जेक्ट में पढ़ाने का आदेश जारी किया है। विभिन्न राज्यों में इसे लागू करने के लिए रक्षा सचिव ने राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र जारी किया है। 1यूपी बटालियन के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने बताया कि इस संदर्भ में एनसीसी आगरा ग्रुप के डिप्टी कमांडर कर्नल एसके पांडीयन ने डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के सामने इसी साल मार्च में प्रजेंटेशन दे चुके हैं। बैठक में मुख्य रूप से सेंट जोंस कॉलेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह, लेफ्टिनेंट दिनेश लाल, लेफ्टिनेंट मनीष कुमार आदि ने भी सुझाव दिए।

एनसीसी इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में यह होंगे लाभ

इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स सिद्धांत और व्यवहार आधारित है। सैन्य इतिहास पढ़ने के साथ शिविरों के माध्यम से छात्र मानचित्र और आकलन, फील्डक्राफ्ट, युद्ध कौशल, हथियार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। शारीरिक दक्षता विकसित करने के साथ आपदा प्रबंधन व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन भी सीख सकेंगे। इससे युवाओं को सैन्य संगठनों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी। निर्णय कौशल व समस्याओं का प्रभावी समाधान भी सिखाया जाएगा। जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स से युवाओं की शारीरिक और मानसिक क्षमता में वृद्धि होगी। यह कोर्स करने वाले युवाओं के पास सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में कुशल अनुभव के साथ डिग्री योग्यता भी होगी, जिससे निजी सुरक्षा कंपनियों में भी रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।


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