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मूक बधिर लोगों के लिए एआई वॉयस स्मार्ट डिवाइस, किसी वरदान से कम नहीं ये

अमेरिकी डेटा वैज्ञानिकों ने किया है अविष्‍कार। टीम में भारतीय मूल की धया सिंधु बत्तीना और लक्ष्मी सूर्या रहीं शामिल। चिकित्‍सा क्षेत्र में हुई वेबीनार में धया सिंधु बत्‍तीना ने दिया प्रजेंटेशन। चश्‍मे के जैसी ये डिवाइस हाथों के इशारों को कैप्‍चर करती है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 05:25 PM (IST)
मूक बधिर लोगों के लिए एआई वॉयस स्मार्ट डिवाइस, किसी वरदान से कम नहीं ये
एआइ विशेषज्ञों ने ऐसा चश्‍मा विकसित किया है, जो मूक-बधिरों के लिए मददगार होगा।

आगरा, जेएनएन। मूक बधिर विकलांग लोगों के लिए विकसित आर्टिफिशयल वॉयस स्‍मार्ट डिवाइस किसी वरदान से कम नहीं है। एआई एक्सपरटीज़ के साथ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इन दिनों एआई डिवाइस का अविष्कार करने के लिए लगन से काम कर रही है, जो विकलांग व्यक्तियों के दैनिक जीवन में काफी सुधार कर सकती है। विशेष रूप से मूक और बधिर व्यक्तियों के लिए यह किसी चमत्‍कार से कम नहीं होगी। वैसे, विभिन्न क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी डिवाइस की तेज़ी से वृद्धि में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा उठाया गया ये कदम काफी सराहनीय है।

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आगरा में हुई डॉक्‍टर्स की वेबीनार में इस डिवाइस का प्रजेंटेशन दिया गया। हाल ही में हमने देखा था कि कैसे मोबाइल फ़ोन्स एक ऐसे एसेट्स बन चुके हैं, जो कस्टमर्स को एडवांस बनाने के साथ उन्हें विजुअल तौर पर कमज़ोर बना रहे हैं। इसी कारण इंफॉर्मशन टेक्नोलॉजी, एआई डिवाइस लेकर आ रहा है। क्योंकि, इसके कारण विजुअल तौर पर कमज़ोर लोग स्मार्टफोन के कैमरे के नीचे डॉक्यूमेंट लगाकर अपने मेल को बिना किसी खिंचाव के पढ़ सकते हैं। दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनोवेशन का कहना है कि यह किसी भी प्रकार की विकलांगता प्रोफाइल पर लागू किया जा सकता है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए धया सिंधु बत्तीना और लक्ष्मी सूर्या द्वारा एक ऐसा स्मार्ट डिवाइस डेवलप किया गया है, जिससे डेफ डिसएबिलिटी लोगों को एआई एल्गोरिथम सॉल्यूशन्स के साथ उनकी बॉडी लैंग्वेज को समझने में सहायता मिल सकती है।

इस डिवाइस के बारे में बताते हुए धया सिंधु बत्तीना ने कहा कि अमेरिकी वैज्ञानिकों के विशेषज्ञों ने एक बड़ी जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए बधिर लोगों के लिए एक स्मार्ट डिवाइस का अविष्‍कार किया है, ताकि वह लोग आसानी से बातचीत कर सकें। वहीं, सिंधु ने अपने शोध में उल्लेख किया कि यह डिवाइस साइन लैंग्वेज को ऑडियो आउटपुट में परिवर्तित करके बधिर लोगों के लिए सुनने के अनुभव को और बेहतर करता है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस डिवाइस को कस्टमर्स चश्मे की तरह पहन सकते हैं। वहीं,

इस डिवाइस में शामिल की गई मुख्य विशेषताएं सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर, एलसीडी मॉड्यूल, एसडी कार्ड मेमोरी, इयरफ़ोन और ऑडियो एम्पलीफायर हैं। इस डिवाइस में बॉडी लैंग्वेज को चुनने के लिए सेंसर की जरूरत होती है। यह स्मार्ट वॉयस डिवाइस एक ट्रांसलेशन सिस्टम की तरह ही काम करता है, जिसका काम साइन लैंग्वेज को ऑडियो में बदलना है।

डिवाइस डिजाइन- एआई स्मार्ट डिवाइस

इस स्मार्ट डिवाइस के सामने लगे सेंसर को साइन लैंग्वेज को आसानी से समझने के लिए शामिल किया गया है, जो एनालॉग रूप में है। सीधे शब्दों में कहें, सेंसर हाथ के इशारों के एक्स, वाई और जेड कोआर्डिनेट डेटा को कैप्चर करते हैं। वहीं, सूर्या ने अपने शोध में उल्लेख किया कि डेटा ग्राफ़ (हैंड गेस्चर) को एक सिग्नल में बदल दिया जाता है, जिसे बाद में एक माइक्रोकंट्रोलर को ट्रांसमिटेड किया जाता है। माइक्रोकंट्रोलर में सीपीयू और एक एडीसी भी शामिल है। दरअसल, एडीसी द्वारा हाथ की गतिविधियों के लिए एनालॉग डेटा को डिजिटल मूल्यों में परिवर्तित किया जाएगा और डेटाबेस कोड पर मैच किया जाएगा। हर फ्रेम के अंत में एक ऑडियो एम्पलीफायर रिजल्ट डिजिटल वैल्यूज प्राप्त करता है, और उन्हें बढ़ाता है। असिस्टिव टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग पर इस आविष्कार का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जिससे डेफ कम्यूनिटी अपने दैनिक कार्यों को अधिक आसानी से कर सकेगा। कॉस्ट के दृष्टिकोण से, यह स्मार्ट डिवाइस शरीर की भाषा को आवाज में बदलने में सस्ती, पोर्टेबल और अत्यधिक कुशल है।  


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