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..तो न सिविल एंक्लेव बनेगा न एयरपोर्ट

आगरा (कुलदीप सिंह): विजन डॉक्यूमेंट में तय की गई रेड और ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों को शहर को शहर से बाहर किया जाएगा। इस फैसले के बाद ताजनगरी में एयरपोर्ट और सिविल एंक्लेव भी नहीं बन सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 05:09 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 05:09 AM (IST)
..तो न सिविल एंक्लेव बनेगा न एयरपोर्ट
..तो न सिविल एंक्लेव बनेगा न एयरपोर्ट

आगरा (कुलदीप सिंह): विजन डॉक्यूमेंट में तय की गई रेड और ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों को शहर के बाहर किया जा सकता है। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में विजन डॉक्यूमेंट का फाइनल ड्राफ्ट प्रस्तुत किया जाना है। अगर राज्य सरकार बिना संशोधन के इस ड्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट में रखती है तो शहर का विकास पूरी तरह रुक जाएगा। पर्यटन उद्योग पर इसकी सबसे अधिक गाज गिरनी तय है। शहर में राजमार्ग और सिविल एंक्लेव जैसी बड़ी योजनाओं का भी भविष्य अधर में लटकने की आशंका है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने ताज के संरक्षण के लिए अगले सौ साल का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया है। इसके तहत उद्योगों को वर्गीकृत कर रेड, ऑरेंज, ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी में बांटा गया है। विजन डॉक्यूमेंट में ताज ट्रेपेजियम जोन से रेड और ऑरेंज कैटेगरी के उद्योगों को बाहर करने की सिफारिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट अगर विजन डॉक्यूमेंट की सिफारिशों को मान लेता है तो शहर के विकास को ग्रहण लगना तय है। विजन डॉक्यूमेंट में नए राजमार्गो के निर्माण को ऑरेंज श्रेणी में शामिल किया गया है।

प्रमुख सचिव द्वारा बनाई गई समिति के लीगल सदस्य और आगरा डेवेलपमेंट फाउंडेशन के सचिव के सी जैन ने बताया कि विजन डॉक्यूमेंट में एयरपोर्ट, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन, सिविल एंक्लेव के कार्य को रेड और ऑरेंज श्रेणी में शामिल कर इन्हें बंद कराने की सिफारिश की गई है। इससे टीटीजेड क्षेत्र सहित शहर का विकास पूरी तरह प्रभावित हो जाएगा। विजन डॉक्यूमेंट की सिफारिशों के लागू होने के बाद शहर में किसी भी बड़ी परियोजना के लगने पर संशय बना रहेगा। केसी जैन ने कहा कि आगरा बैराज, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाने और शहर और इसके आसपास की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बनाई जाने वाली सड़क और राजमार्ग योजनाएं इससे प्रभावित होंगी। यह विजन डॉक्यूमेंट शहर के विकास के लिए ग्रहण साबित होगा।

अस्थाई है टीटीजेड ऑथोरिटी:

केंद्र सरकार ने 17 मई 1999 को ताज ट्रेपेजियम जोन प्राधिकरण की स्थापना की। इस प्राधिकरण का गठन अस्थाई तौर पर किया गया। वर्तमान में प्राधिकरण का कार्यकाल 31 दिसंबर 2018 तक है। अस्थाई प्राधिकरण होने के कारण इसकी योजनाओं को अन्य प्राधिकरण की तरह मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। जनवरी 2017 में प्राधिकरण के सदस्यों में सिविल सोसायटी से तीन लोगों को शामिल किए जाने के निर्देश दिए गए थे। डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी सदस्यों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। किन उद्योग और परियोजनाओं पर लगेगी रोक: -थ्री-स्टार या 20 से 100 कमरों तक के होटल

-पांच सितारा होटल

-ऑटोमोबाइल सर्विस, रिपेय¨रग और पेंटिंग सेंटर

-एयरपोर्ट और व्यावसायिक एयर स्ट्रिप

-सिविल एंक्लेव

-20 हजार वर्ग मीटर से अधिक के सभी बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट

-बायो मेडिकल वेस्ट रूल के तहत आने वाले सभी हॉस्पीटल, क्लीनिक और पैथोलॉजी

-25 मेगावाट से अधिक के सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और लघु हाइडिल पावर जेनेरेशन प्लांट

-नए राजमार्गो का निर्माण प्रभावित होगा। वर्तमान में आगरा-बरेली हाईवे और उत्तरी बाईपास (रुनकता से खंदौली) का निर्माण प्रस्तावित है।


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