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मेयर और नगरायुक्त का सच से हुआ सामना, निरीक्षण में खुली पोल

धीमी गति से चल रही है नालों की सफाई 15 जून तक साफ होने हैं सभी नाले बल्केश्वर मोक्षधाम पर भी बनेगा विद्युत शव दाह गृह शहर का तीसरा होगा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 05:05 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 05:05 AM (IST)
मेयर और नगरायुक्त का सच से हुआ सामना, निरीक्षण में खुली पोल

आगरा, जागरण संवाददाता। मेयर नवीन जैन और नगरायुक्त निखिल टीकाराम का मंगलवार सुबह सच से सामना हुआ। सुल्तानगंज की पुलिया हो या फिर नालबंद, एमजी रोड और अशोक नगर क्षेत्र। इन तीनों ही क्षेत्रों में नाला सफाई धीमी गति से हो रही है। अतिक्रमण होने के बाद भी कई जगहों पर उसे ध्वस्त नहीं किया जा रहा है। इस पर नगरायुक्त ने नाराजगी जताई और नालों की सफाई का कार्य तेजी से पूरा कराने के आदेश दिए। शासन के आदेश पर 15 जून तक सभी नालों की सफाई होनी आवश्यक है। नाले अंतिम छोर से शुरुआत तक साफ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नाला सफाई के दौरान अगर अतिक्रमण मिलता है तो उसे ध्वस्त कर दिया जाए। कई नालों के किनारे बाउंड्रीवाल टूटी हुई मिली। नगरायुक्त ने बाउंड्रीवाल बनाने का आदेश दिया। सुल्तानगंज की पुलिया नाला की दीवार टूटने के बाद भी आवास विकास परिषद ने अभी तक निर्माण नहीं किया है। वहीं, बल्केश्वर में शहर का तीसरा विद्युत शव दाह गृह बनेगा। इसका जल्द टेंडर होगा। मोक्षधाम में बैठने की उचित व्यवस्था, टीनशेड, स्नानघर बनाया जाएगा। अपर नगरायुक्त केबी सिंह, जीएम जल संस्थान आरएस यादव मौजूद रहे। ताकि संस्कार में न आए दिक्कत : ताजगंज स्थित मोक्षधाम में मेयर ने आधा दर्जन से अधिक लोगों से बातचीत की। लोगों से अंतिम संस्कार कराने के लिए कोई दिक्कत आने को लेकर सवाल पूछे। नगरायुक्त ने बताया कि आर्थिक अभाव में अंतिम संस्कार को लेकर दिक्कत आने वाले स्वजन को पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं।

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यमुना नदी में न प्रवाहित होने पाएं शव : मेयर ने बल्केश्वर श्मशान घाट और यमुना किनारा घाट का भी निरीक्षण किया। पिछले दिनों नदी में शव के प्रवाहित होने को लेकर जानकारी ली। मेयर ने कहा कि नदी में कोई शव प्रवाहित न होने पाए। दस वार्डों के पार्षदों के साथ 150 लोगों की टीम लगाई गई है। आखिर पार्षदों को क्यों नहीं दी जानकारी

पार्षद हरीओम गोयल, विमल कुमार सहित अन्य ने निरीक्षण की जानकारी न देने का आरोप लगाया। हरीओम गोयल ने बताया कि नगरायुक्त को ठीक तरीके से निरीक्षण करना चाहिए था। इसकी जानकारी देनी चाहिए थी।


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