प्लास्टिक कचरे से बनेगा डीजल
आगरा : कूड़े से बिजली बनाने के साथ ही अब प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाया जाएगा। इससे प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, आगरा : कूड़े से बिजली बनाने के साथ ही अब प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाया जाएगा। डीजल बनाने का प्लांट कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में लगेगा। नार्वे के प्रतिनिधिमंडल ने प्लांट लगाने की इच्छा जताई है। यह देश का पहला प्लांट होगा। इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा।
आगरा शहर में हर दिन साढ़े सात सौ मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। 500 मीट्रिक टन से दस मेगावाट बिजली बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है। टीटीजेड प्राधिकरण से इसकी अनुमति मिल चुकी है। अब प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की कवायद शुरू हो गयी है। शनिवार दोपहर इंडियन सेंट्रल फाउंडेशन की ओर से नार्वे का प्रतिनिधिमंडल आगरा आया। प्रतिनिधिमंडल ने मेयर नवीन जैन और नगरायुक्त अरुण प्रकाश से मुलाकात की। भारतीय मूल के नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी ने कहा कि पूरे विश्व में प्लास्टिक कचरा खतरे का पर्याय बन चुका है। कई देश अपने यहां प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को लेकर प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि नार्वे कुबेरपुर खत्ताघर में कम लागत और कम क्षेत्र में प्लांट लगाने का इच्छुक है। प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण और ईधन के स्रोत को बढ़ाने के लिए उपयोगी साबित होगा। इस पर मेयर ने प्रतिनिधिमंडल के प्रस्ताव की सराहना की। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से आगरा सहित प्रदेश के सभी जिलों में पॉलीथिन कैरी बैग पर प्रतिबंधित किया जा रहा है। प्लांट लगने से प्लास्टिक कचरे से निजात मिलेगी। नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की समस्या से निदान के प्रयास किए जा रहे हैं। नार्वे के प्रतिनिधिमंडल में एरिक वर्क, एरिक रियो, दीपक, सुधीर पाठक शामिल रहे।