बदली नौकरी की शैक्षिक अहर्ताएं, टेक्नोफ्रेंडली होना अनिवार्य
नए समय में बदला काम करने-कराने का तौर-तरीका तकनीकी रूप से मजबूत शिक्षकों की बढ़ी मांग
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं, तो पढ़ाई सिर्फ आनलाइन माध्यमों से कराई जा रही है। यह स्थिति कब तक रहेगी, कोई नहीं जानता। ऐसे में निजी स्कूलों ने अपने यहां शिक्षकों की तैनाती में एक अहर्ता और जोड़ते हुए उनके टेक्नोलाजी फ्रेंडली होने को अनिवार्य कर दिया है।
कोरोना संक्रमण काल में लोगों की जीवन शैली, तौर-तरीका बदला, तो बदलाव का असर निजी स्कूलों में होने वाली शिक्षक भर्ती में भी दिखने लगा है। शिक्षकों की अनिवार्य न्यूनतम योग्यता बदल गई है। अब प्रशिक्षित, शैक्षिक रूप से योग्य होने के साथ टेक्नोलाजी फ्रेंडली शिक्षकों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि वह डिजिटल प्लेटफार्म पर आसानी से आनलाइन शिक्षण व्यवस्था संभाल सकें। निजी स्कूलों ने शिक्षक भर्ती में इस नई व्यवस्था को लागू भी कर दिया गया है। स्कूल संचालकों का यह मानना है कि यह अस्थाई व्यवस्था नहीं है, अब आनलाइन शिक्षा भविष्य का विकल्प बन गई है इसलिए इसे और सुदृढ़ किया जाएगा। वर्चुअल टीचिग आना जरूरी
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल आफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर का कहना है कि अब शिक्षक भर्ती विज्ञापन में बाकायदा आनलाइन क्लास लेने में सहज अभ्यर्थियों को वरियता दी जा रही।
रागेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य गुरलीन कौर का कहना है कि शिक्षक के लिए कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान व आनलाइन क्लास लेने में सहज होना पहली प्राथमिकता है।
दी जा रही ट्रेनिग
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ का कहना है कि अब तकनीकी रूप से सक्षम शिक्षकों की मांग बढ़ी है क्योंकि चुनौती विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाने और उन्हें अनुशासन में बांधकर रखने की है। यह तभी संभव है, जब शिक्षक टेक्नोफ्रेंडली होंगे। इसलिए शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिग दी जा रही है, ताकि वह विषय और भाषा पर पकड़ बना अनुशासन स्थापित कर सकें।