न्यू दक्षिणी बाइपास की एक लेन धंसी
आगरा : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ), आगरा खंड की लापरवाही उजागर हो गई है।
जागरण संवाददाता, आगरा :
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ), आगरा खंड की लापरवाही न्यू दक्षिणी बाइपास को ले डूबी। गुरुवार सुबह लालऊ पुल के पास बाइपास की एक लेन धंस गई। कई वाहन चालकों ने खुद को किसी तरीके से बचाया। जानकारी मिलने के बावजूद एनएचएआइ ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया। आधा दर्जन गांवों और राजकीय राजमार्ग 39 (जगनेर रोड) से संपर्क टूट गया है।
रुनकता, नेशनल हाईवे टू को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए न्यू दक्षिणी बाइपास बनाया गया था। पांच साल में रोड बनकर तैयार हुई। इसका निर्माण पीएनसी कंपनी ने किया था। पिछले साल हुई बारिश से जगह-जगह गड्ढे हो गए। इस साल भी कुछ ऐसी ही हालत है। एनएचएआइ, आगरा खंड ने कोई ध्यान नहीं दिया। रोड के किनारे की मिट्टी कट चुकी है। तीन से पांच फीट के गढ्डे हो चुके हैं। गुरुवार सुबह लालऊ पुल के पास पांच फीट गहरा और छह फीट लंबा गड्ढा हो गया। एक लेन धंसने से ट्रैफिक का संचालन बंद हो गया। मलपुरा से ककुआ की तरफ की रोड धंसने से अकोला, नगला जयराम, नगला झीलरा, पिनानी, रामनगर, नौमील और राजकीय राजमार्ग 39 का संपर्क टूट गया। लोगों को अब लंबा चक्कर लगाकर आना पड़ रहा है। जगह-जगह उखड़ी बैरीकेडिंग
न्यू दक्षिणी बाइपास पर तमाम ऐसी जगह हैं, जहा सड़क के दोनों ओर बैरीकेडिंग नहीं लगाई गई हैं। जहां लगी है, वहां ध्वस्त हो चुकी है। नहीं लगे हैं साइनेज:
बाइपास पर जिस तरीके से साइनेज लगे होने चाहिए, वह भी नहीं लगाए गए हैं।
नहीं बनी पूरी रेलिंग
दोनों साइड रेलिंग नहीं बनाई गई है, जबकि दस्तावेजों में पूरी रेलिंग दिखाई गई है। न्यू दक्षिणी बाइपास एक नजर में
- रुनकता से ग्वालियर रोड की कुल लंबाई 32.8 किमी है।
- बाइपास का निर्माण जुलाई 2011 से शुरू हुआ था, जो अक्टूबर 2016 में पूरा हुआ।
- निर्माण में कुल 450 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
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- लालऊ के पास रोड धंसने की शिकायत मिली थी। बैरीकेडिंग कराई जा रही है। जल्द इसकी मरम्मत कराई जाएगी।
वाईडी विदुवा, परियोजना निदेशक आगरा खंड एनएचएआइ