एएमयू आंदोलन को 29 से भरी जाएगी हुंकार
आगरा: उपचुनाव की हार और विपक्ष के बार झेल रही भाजपा भी लोकसभा के लिए अब कुछ नए मुद्दे तलाश रही है। अपने मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी अब एएमयू में आरक्षण के मुद्दे को उठायेगी।
जागरण संवाददाता, आगरा: उपचुनाव की हार और विपक्ष के बार झेल रही भाजपा भी लोकसभा के लिए समाज से जुड़े मुद्दे तलाश रही है। एएमयू में आरक्षण मुद्दे के सहारे पार्टी वर्ग विशेष को लुभाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए एससी और पिछड़ा वर्ग से जुड़े भाजपा नेता समाज से जुड़े संगठनों को लामबंद कर रहे हैं। 29 जुलाई को सूरसदन में गोष्ठी का आयोजन होगा।
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी भाजपा फिर से कमल खिलाने के लिए मंथन में कर रही है। पार्टी के रणनीतिकार किले को बचाने के लिए परम्परागत वोट बैंक के साथ ही एक मुश्त वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी बीच में सामने आए एएमयू में आरक्षण के मुद्दे को पार्टी भुनाने में जुटी है। इस आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। अलीगढ़ मुस्लिम विवि के रास्ते पार्टी एससी वर्ग के हितैषी बनने वाले दलों पर निशाना साधना चाह रही है। समाज से जुड़े पार्टी के नेता एससी और पिछड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के सहारे बस्तियों तक पहुंच बना रहे हैं। आगरा से हुंकार भरने के बाद आंदोलन को दूसरे जिलों में भी धार दी जाएगी। पार्टी के दिग्गज नेता आंदोलन को स्वरूप मिलने का इंतजार में हैं। पिछले दिनों एससी आयोग अध्यक्ष एवं सांसद रामशंकर कठेरिया ने अलीगढ़ में एएमयू मुद्दे पर बयान देकर खलबली मचा दी थी। उन्होंने बसपा सुप्रीमों को सीधे चैलेंज किया था कि वे एएमयू में आरक्षण का मुद्दा उठाए वे इस मुद्दे पर वह उनका पूरी तरह साथ देंगे। इस चैलेंज को राजनीतिक ही माना जा रहा था।