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यूपीटीईटी : सामान्य रहा प्रश्न-पत्र, मिला सुकून

पहली पाली में 84.79 और दूसरी में 83.45 फीसद रही उपस्थिति देरी से पहुंचने पर नहीं मिला केंद्रों में प्रवेश परीक्षार्थियों ने किया हंगामा

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 08:31 PM (IST)
यूपीटीईटी : सामान्य रहा प्रश्न-पत्र, मिला सुकून

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) रविवार को कड़े सुरक्षा पहरे में हुई। कोविड संक्रमण के खतरे के बीच पहली पाली में 84.79 और दूसरी पाली में 83.45 फीसद परीक्षार्थी शामिल हुए। निर्धारित समय के बाद पहुंचे कई परीक्षार्थियों को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया, इसे लेकर उन्होंने केंद्रों पर हंगामा भी किया। सामान्य रहे प्रश्न-पत्र को देखकर परीक्षार्थियों के चेहरे पर सुकून के भाव थे।

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एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने बताया की सुबह 10 से 12:30 बजे की पहली पाली में 70 केंद्रों पर हुई परीक्षा के लिए 39,375 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। उनमें से 33,387 उपस्थित रहे। वहीं, दूसरी पाली में 25,977 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 21,678 उपस्थित रहे। परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने पर अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। देरी से पहुंचने पर छूटी परीक्षा, काटा हंगामा

28 नवंबर को प्रश्न-पत्र लीक होने के बाद शासन ने परीक्षा में ज्यादा सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे। इस कारण जांच और कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करने के लिए परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले प्रवेश की समय सीमा तय की थी, लेकिन पहली पाली में तमाम परीक्षार्थी साढ़े नौ बजे के बाद केंद्रों पर पहुंचें। इस कारण आगरा कालेज, राजकीय इंटर कालेज शाहगंज, एमडी जैन इंटर कालेज, क्वीन विक्टोरिया आदि केंद्रों पर उन्हें केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया। हालांकि उन्होंने स्टेटिक मजिस्ट्रेट और पुलिस कर्मियों से काफी गुहार लगाई, लेकिन सभी ने ऊपर से सख्त निर्देश होने का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश नहीं दिया। सामान्य रहे प्रश्न, मिली राहत

28 नवंबर को होने वाली परीक्षा प्रश्न-पत्र लीक होने के कारण रद कर दी गई थी। तब परीक्षार्थियों ने आशंका जताई थी कि अब प्रश्न-पत्र ज्यादा मुश्किल होगा, लेकिन रविवार को जब परीक्षार्थियों के हाथों में प्रश्न-पत्र आया तो उनके चेहरे खिल उठे। प्रश्नों के ज्यादा मुश्किल न होने से उन्होंने राहत की सांस ली। हालांकि, गणित और मनोविज्ञान के कुछ प्रश्न कुछ परीक्षार्थियों को थोड़ा मुश्किल लगे। कोविड से ज्यादा दिखी भविष्य की चिता

यूपीटीईटी देने आए ज्यादातर अभ्यर्थियों का कहना था कि कोविड-19 संक्रमण का खतरा है, लेकिन उससे ज्यादा उन्हें भविष्य की चिता है। यदि परीक्षा में शामिल होने से रह गए तो नौकरी पाने का ख्वाब पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए वह संक्रमण के डर को पीछे छोड़कर परीक्षा में शामिल होने आए। कई जगह बने जाम के हालात

कई परीक्षार्थी अपने वाहनों से तो कई सार्वजनिक वाहनों से परीक्षा देने पहुंचे, इस कारण दोनों पाली की परीक्षा खत्म होने के बाद शहरभर में जाम के हालात बन गए। एमजी रोड, शाहगंज, हरीपर्वत, भगवान टाकीज, सिकंदरा, वाटर व‌र्क्स आदि जगह पर सुबह से शाम तक जाम की स्थिति रही। टाक:

पिछली बार प्रश्न-पत्र लीक होने के बाद आशंका थी कि पेपर मुश्किल रहेगा लेकिन, प्रश्न सामान्य ही रहे। सबकुछ ठीक रहा।

निहाल सिंह, परीक्षार्थी। कोविड-19 संक्रमण का डर तो है लेकिन यूपीटीईटी पास नहीं किया, तो नौकरी नहीं मिल पाएगी, इसलिए डर पीछे छोड़कर परीक्षा देने आया हूं।

पवन, परीक्षार्थी। वैसे तो सभी प्रश्न सामान्य थे, लेकिन मनोविज्ञान के कुछ प्रश्नों का स्तर अपेक्षाकृत थोड़ा मुश्किल था, उनमें समय ज्यादा लगा।

रजनी, परीक्षार्थी। गणित के कुछ प्रश्नों का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में मुश्किल था। बाकी प्रश्न सामान्य स्तर के ही रहे। हालांकि कोविड संक्रमण का डर है, लेकिन परीक्षा भी जरूरी है।

शशि कुमारी, परीक्षार्थी। सभी प्रश्न सामान्य थे। संविधान से जुड़े प्रश्न पहले भी अधिक थे, इस बार भी उन्हें पर्याप्त संख्या में शामिल किया गया था।

भीम कुमारी, परीक्षार्थी।


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