Agra News: पेपर लीक केस में अजब-गजब मामले, पहले 12वीं पास बना प्राचार्य, अब किसान बनाया कार्यवाहक प्राचार्य
Agra News अनेक सिंह ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया है कि वे इंटर पास है। इस जानकारी के बाद पुलिस भी हैरान रह गई थी। अब सवाल यह उठता है कि विश्वविद्यालय ने सत्यापन के नाम पर कालेजों से क्या जानकारी मंगाई थी?
आगरा, जागरण संवाददाता। साहब मैं तो किसान हूं, खेत में काम करता हूं। महाविद्यालय के प्रबंधक एवं सचिव अशोक के गांव का हूं। उन्होंने कहा कि प्राचार्य बन जाओ, बच्चों की परीक्षा करा दो। प्रबंधक ने मुझे महाविद्यालय का प्राचार्य बना दिया।
डाक्टर भीमराव आंबेडकर विवि के पेपर लीक कांड में पुलिस के सामने अजब-गजब मामले आ रहे हैं। बारहवीं पास अनेक सिंह को महाविद्यालय का प्राचार्य बनाने वाली प्रबंध समिति पेपर लीक होने में उसका नाम सामने आने के बाद एक और गजब का काम किया। आननफानन में उसे निलंबित करते हुए किसान जगवीर को कार्यवाहक प्राचार्य बना दिया। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने सच बोल दिया।
11 मई को दर्ज कराया था मुकदमा
आगरा कालेज के आंतरिक उड़न दस्ते के सदस्य डाक्टर अमित रावत 11 मई को लोहामंडी थाने में परीक्षा अधिनियम एवं आइटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया था। परीक्षा शुरू होने से पहले छात्र-छात्राओं के मोबाइल में बीएससी का गणित और जंतु विज्ञान का प्रश्न पत्र पहुंच गया था। प्रश्न पत्र वाट्सएप पर वायरल हुआ था। इसी तरह 14 मई को भी रसायन विज्ञान का प्रश्न पत्र लीक हो गया था। जिसमें आगरा कालेज प्राक्टोरियल बोर्ड के डाक्टर केशव देव ने मुकदमा दर्ज कराया था।
अनेक सिंह का नाम सामने आया
इंस्पेक्टर लोहामंडी देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया पुलिस की छानबीन में पेपर लीक होने के तार अछनेरा के हरचरण लाल महाविद्यालय से जुड़े पाए गए। पेपर लीक करने में महाविद्यालय के प्राचार्य अनेक का नाम सामने आया। वह अछनेरा के ही गांव झारौठी का रहने वाला है। अनेक सिंह का नाम पेपर लीक में सामने आने और पुलिस को उसकी तलाश की जानकारी महाविद्यालय प्रबंध समिति को भी हो गई थी। कालेज की समिति ने आननफानन में अनेक सिंह काे निलंबित करते हुए जगवीर को कार्यवाहक प्राचार्य बना दिया।
जगबीर करता है खेती
पुलिस 16 मई को महाविद्यालय जांच करने पहुंची तो अनेक सिंह की जगह जगवीर मिला। पुलिस ने प्राचार्य के बारे में पूछा तो उसने खुद को बताया। पुलिस ने उससे पेपर लीक के बारे में पूछताछ की तो उसने अनभिज्ञता जताई। जगवीर ने बताया कि उसे एक दिन पहले ही कार्यवाहक प्राचार्य बनाया गया है। वह एमए पास है, लेकिन वर्तमान में खेती करता है। इंस्पेक्टर के अनुसार जगवीर सिंह ने प्रबंध समिति द्वारा दिया गया नियुक्ति पत्र भी दिखाया। जिसमें महाविद्यालय के प्रबंधक एवं सचिव अशोक द्वारा जारी किया गया है। उक्त पत्र में लिखा है कि कतिपय कारणों से अनेक सिंह को प्राचार्य पद से निलंबित करता हूं, वरिष्ठ वक्ता जगवीर को कार्यवाहक प्रावार्य नियुक्त करता हूं।
जगवीर ने पुलिस को बताया कि वह महाविद्यालय में वरिष्ठ वक्ता नही है। वह एमए करने के बाद अपनी खेती करता है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पेपर लीक मामले में जगवीर की कोई भूमिका सामने नहीं आई है।
कार्यवाहक प्राचार्य बनाने को जारी पत्र पर उठे सवाल
प्रबंधक अशोक द्वारा अनेक सिंह को निलंबित करने एवं जगवीर को कार्यवाहक प्राचार्य बनाने के पत्र पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। इंस्पेक्टर देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि प्रबंधक की तलाश जारी है। उसके द्वारा जारी पत्र की जांच की जाएगी। प्रबंधक ने वरिष्ठ वक्ता होने के बावजूद नियमों की अनदेखी करते हुए बारहवीं पास को प्राचार्य कैसे बना दिया, इस पहलू को भी विवेचना में शामिल करेगी।