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ताजमहल के लिए अच्छी है दिवाली, आगरा के लोग हैं समझदार

-तीन वर्षो से लगातार घट रहा है वायु प्रदूषण, इस बार भी दिखाएं पर्यावरण के प्रति फिक्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 11:00 AM (IST)
ताजमहल के लिए अच्छी है दिवाली, आगरा के लोग हैं समझदार
ताजमहल के लिए अच्छी है दिवाली, आगरा के लोग हैं समझदार

आगरा: यह ताज का शहर है। शहर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकारी महकमे भले ही उदासीन हों, लेकिन जिम्मेदार नागरिक अपना फर्ज बखूबी निभाते हैं। यही वजह है कि दिवाली पर जहां सभी शहरों में आतिशबाजी के शोर से वायु और ध्वनि प्रदूषण का जहर घुलता है, वहीं पिछले तीन वर्षो से निरंतर ताजमहल पर वायु प्रदूषण का जहर कम हो रहा है। आइए इस दिवाली पर भी इस जज्बे को बरकरार रखें, जिससे कि बुजुर्गो, बच्चों व बीमार व्यक्तियों को आतिशबाजी से परेशानी न हो।

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पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत सोमवार को धनतेरस के साथ हो गई। दिवाली के दिन हर साल देर रात तक आतिशबाजी का सिलसिला चलता है। हर गली, मुहल्ले, कॉलोनी, अपार्टमेंट में होने वाला पटाखों का शोर शहर की फिजां को प्रभावित करता है। आतिशबाजी के चलते शहर में श्वसनीय निलंबित कणों (पीएम10) और निलंबित कणों (आरएसपीएम) की मात्रा में वृद्धि होती है। पिछले वर्ष दिवाली पर (19 अक्टूबर) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा किए गए अध्ययन में ताज पर पीएम10 सामान्य दिनों की अपेक्षा मानक से दोगुने से अधिक रहा था। रामबाग पर यह सामान्य से करीब तीन गुना रहा था। इससे शहरवासियों को श्वास लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था। रोशनी के पर्व पर आतिशबाजी के धुएं व शोर को कम करना होगा।

सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार बताते हैं कि सामान्य दिनों की अपेक्षा दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। शहर में पिछले कुछ वर्षो में लोगों के जागरूक होने से वायु प्रदूषण में कमी आई है।

मानक से अधिक झेल रहे हैं ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण के निर्धारित मानकों से कहीं अधिक शोर हम झेल रहे हैं। सुबह छह से रात 10 बजे तक 55 डेसीबल और रात 10 से सुबह छह बजे तक 45 डेसीबल मानक ध्वनि का तय है। आगरा में सामान्य दिन में इसका औसत 61.9 डेसीबल दर्ज किया जा चुका है। इससे लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिदिन हो रही मॉनीट¨रग

सुप्रीम कोर्ट ने इस बार 31 अक्टूबर से 14 नवंबर तक प्रतिदिन वायु प्रदूषण की मॉनीट¨रग करने का आदेश किया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इसमें एसओ 2, एनओ 2, पीएम 10 की गणना के साथ आतिशबाजी से फिजां में घुलने वाले लेड, क्रोमियम, आर्सेनिक, आयरन, मरकरी की भी जांच की जाएगी।

दिवाली के दिन वायु प्रदूषण की स्थिति

ताजमहल

वर्ष, एसओ2, एनओ2, पीएम10

2012, 4, 27, 542

2013, 4, 31, 524

2014, बीडीएल, 16, 191

2015, बीडीएल, 23, 295

2016, बीडीएल, 12, 291

2017, बीडीएल, 14, 202 एत्माद्दौला

वर्ष, एसओ2, एनओ2, पीएम10

2012, बीडीएल, 28, 519

2013, 5, 27, 697

2014, 5, 29, 271

2015, 4, 29, 346

2016, बीडीएल, 22, 401

नोट: 2017 में एत्माद्दौला में सीपीसीबी ने अध्ययन नहीं किया था। रामबाग

वर्ष, एसओ2, एनओ2, पीएम10

2017, बीडीएल, 20, 120, 294 यह हैं मानक

एसओ2 - 80

एनओ2 - 80

पीएम10 - 100

नोट वायु प्रदूषण के मानक 24 घंटे के आधार पर हैं, जबकि सांद्रता माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर में है।

यह है फुल फार्म

एसओ2 - सल्फर डाइ-ऑक्साइड

एनओ2 - नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड

पीएम10 - श्वसनीय निलंबित कण

बीडीएल - बिलो डिटेक्शन लिमिट।


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