फर्जी सूची, फर्जी पता, अब हुई लापता, नहीं लग पा रहा सुराग
संदीप शर्मा, आगरा: पांच साल तक फर्जी शिक्षिका विभाग में नौकरी करती रही और किसी को खबर तक नहीं हुई।
संदीप शर्मा, आगरा: पांच साल तक फर्जी शिक्षिका विभाग में नौकरी करती रही और किसी को खबर तक नहीं हुई। इस दौरान लगातार उसका वेतन भी जारी होता रहा। शिकायत पर हुई जांच में मामला सही निकला तो आरोपी महिला लापता हो गई। यही नहीं उसके दिए पते भी फर्जी निकले।
यह कारनामा किया है लोहामंडी, खातीपाड़ा निवासी ललिता बघेल ने। उसने वर्ष 2010 में हुई नियुक्ति सूची में 36 नंबर पर अंकित अनीता कुमारी पुत्री बदन सिंह, भोजपुर, खेरागढ़ के नाम की जगह अपना नाम लिखवाकर नौकरी प्राप्त की। यही नहीं किरावली के प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में तैनाती भी ले ली। वर्ष 2016 में हुई शिकायत
फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पाने की शिकायत चित्रा कुलश्रेष्ठ और उमा चौहान ने विभाग में की थी। विभाग ने जारी सूची और उक्त शिक्षिका की सूची देखी, तो पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने अनीता कुमारी के नाम की जगह अपने नाम की चिट लगाकर नई सूची तैयार कराई और नौकरी पा ली। विभाग से भी उसे सहयोग मिला। इसके चलते जालसाजी संभव हुई। मामला खुलने के बाद उक्त शिक्षिका लापता है। विभाग उसके दो पतों पर नोटिस भेज चुका है, दोनों पते फर्जी निकले। एफआइआर कराकर उसकी तलाश की जाएगी।
आनंद प्रकाश बीएसए आगरा जारी होता रहा वेतन
विभाग से शिक्षिका ने करीब 30 हजार रुपये महीने के हिसाब से पांच वर्ष तक वेतन लिया। सवाल यह है कि जब शिक्षिका लापता है, तो वह वेतन की रिकवरी कैसे करें।
- 05 वर्ष तक नौकरी करने के बाद शिक्षिका हुई लापता
- 03 वर्ष से बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है तलाश
- 2016 में दो महिलाओं ने की थी उक्त शिक्षिका की तलाश
- 18 लाख रुपये से अधिक वेतन लिया पांच साल में