जल्द दूर होंगी विजन डॉक्यूमेंट की खामियां
आगरा: विजन डॉक्यूमेंट की खामियों को दूर करने को लेकर बनाई समिति के सदस्यों ने उद्योग मंत्री सेलखनऊ में मुलाकात की।
आगरा: विजन डॉक्यूमेंट की खामियों को दूर करने को लेकर बनाई समिति के सदस्यों ने सोमवार को लखनऊ में उद्योग मंत्री सतीश महाना, लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी और विशेष सचिव उद्योग अंकित अग्रवाल के साथ मुलाकात की। समिति ने अपनी विशेष सचिव के सामने प्रेजेंटेशन देकर विजन डॉक्यूमेंट की खामियों को बिंदुवार रखा। समिति की अधिकांश मांगों को दूर करने के लिए सरकार ने सहमति जताई है।
28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में विजन डॉक्यूमेंट के फाइनल ड्राफ्ट को लेकर सुनवाई की जानी है। इसी दिन कोर्ट विजन डॉक्यूमेंट के प्रावधानों को लागू कराने को लेकर अपना फैसला सुना सकता है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से विजन डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट में आवश्यक बदलाव को लेकर मैराथन बैठकें आयोजित की जा रही हैं। सोमवार को समिति के सदस्यों ने विशेष सचिव उद्योग अंकित अग्रवाल के साथ मुलाकात की। डेढ़ घंटे तक चली बैठक में समिति के सदस्यों ने टीटीजेड क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इसमें मुख्य रूप से उद्योगों की श्रेणी के वर्गीकरण को लेकर रिपोर्ट पेश की गई। अन्य राज्यों में उद्योगों की श्रेणी और उन्हें संचालित किए जाने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्रों की जानकारी दी गई। अंकित अग्रवाल ने अधिकांश मांगों को दूर करने के लिए अपनी सहमति जताई है। उन्होंने समिति को आश्वासन दिया कि कैबिनेट की अगली बैठक में इन मुद्दों को विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। अधिकांश मामले राज्य स्तर पर दूर किए जाने हैं। समिति के सदस्यों ने इस मामले को लेकर लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी से सचिवालय में मुलाकात की। सत्यदेव पचौरी ने टीटीजेड क्षेत्र की योजनाओं को मूर्त रूप देने, वायु प्रदूषण रोकने के लिए नई योजनाएं बनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार करने का आश्वासन दिया। जल्द होंगे विजन डॉक्यूमेंट में बदलाव
समिति के सदस्य और पूर्व विधायक केशो मेहरा ने बताया कि सचिवालय में उद्योग मंत्री सतीश महाना से मुलाकात कर उन्हें टीटीजेड क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि हाल में केंद्र सरकार की ओर से साइन किए गए 27 हजार 400 करोड़ के एमओयू की योजनाओं को लागू कराने के लिए विजन डॉक्यूमेंट में संशोधन आवश्यक है। शहर का पूरा विकास विजन डॉक्यूमेंट की सिफारिशों से तय होगा। सतीश महाना ने विजन डॉक्यूमेंट में बदलाव और उद्योगों के लिए नई नीति तय करने को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर हल निकालने का आश्वासन दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया उद्योग बंद करने का आदेश
समिति के लीगल सदस्य केसी जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने किसी भी आदेश में उद्योगों को बंद करने का निर्णय नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझने में अधिकारियों में गलती है। विजन डॉक्यूमेंट में किए गए प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हैं। इन लोगों की हुई मुलाकात
इंजीनियर उमेश शर्मा, केसी जैन, केशो मेहरा, अमर मित्तल, अशोक गोयल, दीपक अग्रवाल और रजत अस्थाना आदि मौजूद रहे। ------------------ ----- गैस आधारित उद्योगों को मंजूरी देने की मांग
जागरण संवाददाता, आगरा : टीटीजेड क्षेत्र में प्रदूषणकारी इकाइयों को बंद करने के नाम पर कई उद्योगों को गहरा झटका लगा है। कोयले पर चलने वाले इन उद्योगों के गैस में परिवर्तित होने के बाद भी इन्हें व्हाइट श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। 1996 में प्रदूषण विभाग की ओर से जारी की गई 292 उद्योगों को सूची में शामिल उद्योग अब बंद किए जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव द्वारा विजन डॉक्यूमेंट की खामियों को लेकर बनाई गई समिति के तकनीकि सदस्य इंजीनियर उमेश शर्मा ने बताया कि उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण को लेकर पहले मथुरा रिफाइनरी को लेकर सर्वे किया गया। इसके बाद ताजमहल और इसके आसपास के इलाकों का सर्वे शुरू किया गया। 30 दिसंबर 1996 को प्रदूषण विभाग ने 292 उद्योगों का चिह्नीकरण किया। इन्हें चरणबद्ध तरीके से कोयले से गैस पर स्थानांतरित किया गया। शुरूआत में आगरा में पेठा उद्योग और फीरोजाबाद में कांच उद्योग को इसके दायरे में लाया गया। सरकार ने इन उद्योगों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया था। वर्तमान में आगरा और फीरोजाबाद के अधिकांश उद्योग गैस पर स्थानांतरित किए जा चुके हैं। उमेश शर्मा ने कहा कि जो उद्योग कोयले से गैस में परिवर्तित हो चुके हैं, उन्हें अब व्हाइट कैटेगरी में शामिल कर मंजूरी दी जानी चाहिए। सरकार को इन उद्योगों के लिए सस्ती दर पर उद्योगों पर गाज लेकिन योजनाएं नहीं हुई पूरी
ताजमहल के संरक्षण के नाम पर बनी समितियों ने अभी तक जितने भी सुझाव और आदेश दिए उनमें सिर्फ उद्योगों को ही निशाना बनाया गया। ताज संरक्षण के लिए बनी आगरा बैराज और ¨रग रोड की योजनाएं अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है। इन योजनाओं के पूरा होने से वायु प्रदूषण पर स्थाई रूप से लगाम लगाई जा सकती है।
इन उद्योगों का भी भविष्य अधर में
विजन डॉक्यूमेंट की सिफारिशों के तहत छोटी डेयरियां, हॉट मिक्स प्लांट, कांच का सामान, प्रिंटिंग प्रेस, ट्रांसफार्मर रिपेय¨रग और मेन्यूफैक्च¨रग आदि उद्योगों को ऑरेंज श्रेणी में रखा गया है। इनके खिलाफ प्रदूषण विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है।