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CoronaVirus Effect: अब आगरा के जूता कारोबार पर भी कोरोना का कहर

रॉ मैटेरियल की कमी से जूझ रहा जूता कारोबार। चीन इटली व स्पेन से मंगाया गया रॉ मैटेरियल होता है इस्तेमाल। कोरोना पर नियंत्रण नहीं होने की स्थिति में होगा बड़ा नुकसान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 03:17 PM (IST)
CoronaVirus Effect: अब आगरा के जूता कारोबार पर भी कोरोना का कहर
CoronaVirus Effect: अब आगरा के जूता कारोबार पर भी कोरोना का कहर

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते आगरा का जूता कारोबार भी प्रभावित हो उठा है। चीन में कोरोना का प्रकोप बढऩे के बाद रॉ मैटेरियल की उपलब्धता को उनकी निगाहें इटली व स्पेन पर लगी थीं। इटली के प्रभावित होने के बाद उन्हें ऑर्डर पूरा करने को रॉ मैटेरियल उपलब्ध होना मुश्किल हो रहा है। निर्यातकों को चिंता सता रही है कि अगर कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो ऑर्डर कैंसिल होने की स्थिति में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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आगरा में जूता उद्योग प्रमुख कारोबार में शुमार है। यहां के जूता कारोबारी चीन से जूता तैयार करने को रॉ मैटेरियल मंगाया करते थे। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद उन्होंने इटली व स्पेन से रॉ मैटेरियल मंगवाने की संभावनाएं तलाशीं। यह थोड़ा महंगा जरूर पड़ता, लेकिन ऑर्डर पूरे हो जाते। इस बीच इटली भी कोरोना वायरस से प्रभावित हो गया। ऐहतियातन स्पेन में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसके चलते रॉ मैटेरियल उपलब्ध नहीं हो पाने से निर्यातक ऑर्डर का माल तैयार नहीं कर पा रहे हैं।

चीन से यह रॉ मैटेरियल मंगाते थे

-लाइनिंग मेटेरियल

-रीइन्फोर्समेंट मैटर

-टेपिंग, बकल, चेन

-सेल्यूलोज बोर्ड, शैंक बोर्ड

फैक्‍ट फाइल

-आगरा में करीब पांच हजार से अधिक छोटी-बड़ी जूता इकाइयां हैं।

-यहां से करीब पांच हजार करोड़ रुपये का निर्यात विदेशों में होता है।

-भारत के जूता निर्यात में आगरा की 28 फीसद हिस्सेदारी है।

-करीब 15 हजार करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार भी होता है।

चीन के प्रभावित होने के बाद सोचा था कि इटली से रॉ मैटेरियल मंगाकर काम चला लेंगे। वहां भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के चलते रॉ मैटेरियल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि इसका कारोबार पर कितना असर पड़ेगा। अगर शीघ्र ही कोरोना वायरस नियंत्रण में नहीं आया तो ऑर्डर कैंसिल होने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

-गोपाल गुप्ता, निर्यातक

यह समय विंटर सीजन के ऑर्डर को तैयार करने का होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यूरोपीय देशों में बाजार, मॉल बंद हो चुके हैं। इसके चलते कारोबारी हमें ऑर्डर के अनुसार माल तैयार करने से मना कर रहे हैं। अभी हम कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं कि यह ऑर्डर कम होगा या फिर निरस्त होगा।

-शाहरू मोहसिन, जूता निर्यातक 


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