फोरेंसिक जांच खोलेगी वीडियो का राज
आगरा: परिवहन निगम की बसों में टिकट फर्जीवाड़े की जांच अब अंतिम दौर में है। मुख्यालय से हो रही जांच में फोरेंसिक लैब कता सहारा भी कई राज खोलेगा।
आगरा: परिवहन निगम की बसों में टिकट फर्जीवाड़े की जांच अब अंतिम दौर में है। मुख्यालय से हो रही जांच में फोरेंसिक लैब का सहारा भी कई राज खोलेगा।
बसों में यात्रियों को फर्जी टिकट देकर निगम को सौ करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने वाले गिरोह का बकायदा वीडियो बनाया गया था। ये गिरोह फर्जीवाड़े में शामिल सदस्यों को प्रशिक्षण देता था। एसटीएफ द्वारा पकड़े गए गिरोह के सरगना रोडवेज कर्मी देवेंद्र सिंह का भी एक वीडियो वायरल हुआ, जो सदस्यों को फर्जीवाड़ा करने का तरीका बता रहा है। यही नहीं कुछ अधिकारियों की आपस की बातचीत भी रिकॉर्ड की गई है। शिकायतकर्ता पंकज लवानिया ने ये चार वीडियो क्लिप डीवीडी में जांच अधिकारी प्रधान प्रबंधक संचालन आलोक सक्सेना को मुहैया कराई हैं। पंकज का कहना है कि विभाग के अधिकारियों को इन वीडियो पर संशय है तो वह फोरेंसिक जांच करा लें। जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उधर, दस्तावेजों की जांच करीब-करीब अंतिम दौर में है। सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों से फर्जीवाड़े की काफी हद तक पुष्टि भी हो गई है। मई, जून व जुलाई का बसों का लोड फैक्टर मांगा गया था। ये वह बसें हैं जिनमें फर्जीवाड़ा किया जाता था। यात्रियों को फर्जी टिकट दी जाती थीं। इन बसों का मई, जून और जुलाई में लोड फैक्टर काफी कम मिला है। 21 अगस्त को गिरोह के 11 सदस्य पकड़े जाने के बाद जब लोड फैक्टर की जांच की गई, तो लोड काफी अधिक मिला। इससे ये पुष्टि हो रही है कि पहले बसों में गड़बड़ी की जाती थी। सूत्रों का कहना है कि फोरेंसिक जांच से इतर बाकी जांच रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।