संस्कार छोड़ संसाधन जुटा रहा समाज
आगरा: शमसाबाद रोड स्थित ऑल सेंट स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश उपाध्याय ने कहा कि हमारा समाज
आगरा: शमसाबाद रोड स्थित ऑल सेंट स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश उपाध्याय ने कहा कि हमारा समाज संस्कार छोड़ संसाधन जुटाने में लगा हैं। हम अपनी सभ्यता को दरकिनार कर पश्चिमी सभ्यता के पीछे भाग रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने दैनिक जागरण की संस्कारशाला में 'ख्वाहिश पूरी परवरिश अधूरी' विषय पर विचार व्यक्त किए।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को 'शालीन की गुल्लक' कहानी सुनाकर दूसरों की मदद करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें संस्कार व शिष्टाचार से ही सफलता मिलती है। बच्चे संस्कार घर में व शिष्टाचार स्कूल में सीखते हैं। ये बने विजयी
कहानी के बाद प्रश्नों का सही जवाब देने वाले छात्र-छात्राओं में अंकित, प्रियांशु, नितिन, शौर्य कुमार, खुशी पांडे आदि रहे। उन्हें संस्कारशाला की किताब दी गई। माता-पिता और शिक्षकों द्वारा दी गई सीख को हमें गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही गरीबों की मदद करनी चाहिए।
पल्लवी बड़ों का आदर करने से जीवन में खुशी मिलती है। ये संस्कार हमें अपने माता-पिता व गुरुजनों से सीखने चाहिए।
काजल राजपूत संस्कार हमारे व्यवहार और दूसरों की मदद की प्रवृत्ति से पता चलते हैं। मृदुभाषी होना भी अच्छे संस्कार का ही हिस्सा हैं।
ज्योति कुमारी दूसरे व्यक्ति के सामने हमारी प्रस्तुति ही संस्कारों के बारे में बताती है। इससे हमारी शिक्षा व घर के माहौल का पता चलता है।
अलका नीम घर के बड़े-बुजुर्ग हमारे अंदर संस्कारों की नींव रखते हैं। हमें उनके साथ कुछ समय अवश्य देना चाहिए।
अनुभव मिश्रा हमें बड़ों का आदर करना चाहिए। यह शिक्षा सबसे पहले हमारे माता-पिता से ही मिलती है।
मोहित झा संस्कारहीन व्यक्ति से सफलता दूर हो जाती है। संस्कारों से दूर होने पर हम कभी कामयाब नहीं हो सकते।
विशाल कुमार हम दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तो वे भी हमारे साथ सही व्यवहार करेंगे। हम जैसा करते हैं, वैसा ही पाते हैं।
सुबोध मिश्रा