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लापरवाही की भेंट चढ़ रहे संस्कार, बच्चों को दें अच्छी सीख

आगरा: एक वक्त था जब बड़ों के सामने बच्चे नजरें उठाकर भी बात नहीं करते थे, अब नजरें दिखाकर बात करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 07:30 AM (IST)
लापरवाही की भेंट चढ़ रहे संस्कार, बच्चों को दें अच्छी सीख

आगरा: एक वक्त था जब बड़ों के सामने बच्चे नजरें उठाकर भी बात नहीं करते थे, अब नजरें दिखाकर बात करते हैं। यह नौबत बच्चों से दूरी बनाने से आई। हम अपने बच्चों को सुबह स्कूल, उसके बाद ट्यूशन और फिर खेलने के लिए भेजते हैं। उन्हें अपने साथ बैठने का समय नहीं देते हैं। इसी लापरवाही से बच्चों में संस्कार खत्म होते जा रहे हैं। ये बातें आगरा कैंट स्थित सेंट क्लेयर्स सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य फादर डेनिस डिसूजा ने कहीं।

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बुधवार को स्कूल में दैनिक जागरण की संस्कारशाला का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें छात्र-छात्राओं को संस्कार व भारतीय संस्कृति के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के समापन पर छात्राओं ने अपने विचार रखे। इसके बाद छात्रों ने संस्कारवान बनने का संकल्प लिया। ये हुए विजयी

जागरण संस्कारशाला में छात्र-छात्राओं कहानी सुनाई गई। इसके बाद कहानी से संबंधित सवाल पूछे गए। सवालों के जवाब देने वाले संकल्प अग्रवाल, अनिरुद्ध शर्मा, वंश गुप्ता, राघव, अक्षिता अग्रवाल विजयी हु। इनको पुस्तक दी गई। हमें शिक्षक का सम्मान करना चाहिए। माता-पिता की डांट का बुरा नहीं मानना चाहिए।

यश वर्धन कौशिक माता-पिता और गुरु अच्छाई के रास्ते बताते हैं। हमें उनकी बातों को समझना चाहिए।

पुल्कित डांगूर संस्कारों की शुरुआत हमारे घर से होती है। इसकी पहली गुरु हमारी मां होती है। बुजुर्गो का बहुत महत्व है। उनकी संगति सफल बनाती है।

देवाशीश संस्कारों के माध्यम से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। ये संस्कार हमारी सहानुभूति तय करते हैं।

विवेक कुमार कटारिया हम होशियार होने पर किसी एक विषय पर महारत हासिल कर सकते हैं, लेकिन संस्कार हमें संपूर्ण समाज में विख्यात करते हैं।

अवि गुप्ता हम सब संस्कृति व संस्कारों को भूलते जा रहे हैं, जो गलत है। संस्कार ही हमें अच्छा इंसान बनाते हैं और दूसरों से अलग दर्शाते हैं।

मोनिष्का सिंह हमारे संस्कार किसी दूसरे के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। हमें अच्छा कार्य करते देख, वह भी सही दिशा में चलेंगे।

कीर्ति गोयल जिंदगी में सफल बनने के लिए सबसे अधिक संस्कारों की जरुरत होती है। ये हमें अपने माता-पिता से मिलते हैं।

विद्वूषी सिंह हुनर को दिखाने का मौका एक समय पर मिलता है, लेकिन संस्कारों को दिखाने का मौका हर वक्त मिलता है।

डोली संस्कार हमें जिंदगी के सही पथ पर चलाते हैं। संस्कारों से भविष्य निखरता है।

दिशा चौहान संस्कारशाला से समाज में जरुरत में बदलाव आएगा। दैनिक जागरण का यह बहुत सफल प्रयास है।

वंशिका


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