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वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही उद्योगों से हटेगी रोक

आगरा: ताजनगरी आए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ताज के संरक्षण से कोई समझौता नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2018 10:00 AM (IST)
वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही उद्योगों से हटेगी रोक
वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही उद्योगों से हटेगी रोक

जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी आए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ताज के संरक्षण से कोई समझौता नहीं होगा। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में ऐसे उद्योगों के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले हों। सितंबर, 2016 से नए उद्योगों की स्थापना व विस्तार पर लगी तदर्थ रोक हटाने को वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा। इसमें दो से तीन माह का समय लग सकता है।

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सचिव सीके मिश्रा ने बुधवार सुबह कमिश्नरी सभागार में टीटीजेड अथॉरिटी, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों और किसानों के साथ बैठक की। इसमें टीटीजेड में उद्योगों पर लगी रोक हटाने पर चर्चा करने के साथ सभी से सुझाव लिए गए। सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि बैठक में प्राप्त विभिन्न सुझावों पर वैज्ञानिक दृष्टि से अध्ययन कराकर दो से तीन माह में ठोस निर्णय लिया जाएगा। प्रत्येक दशा में ताज का संरक्षण जरूरी है। आगरा में एयर क्वालिटी पिछले कुछ वर्षो से खराब बनी हुई है। इसमें सुधार को सभी का सहयोग चाहिए। ताज संरक्षण को मानक निर्धारित कर उनको लागू कराया जाएगा। जो उद्योग पर्यावरण की दृष्टि से निर्धारित मानक पर खरे उतरेंगे, उनसे तदर्थ रोक हटाने को टीटीजेड द्वारा निर्णय लिया जाएगा। ऐसे उद्योग जिनसे ताज पर प्रभाव पड़ेगा, उनसे तदर्थ रोक नहीं हटाई जाएगी। ऐसे उद्योगो को पर्यावरणीय दृष्टि से सभी मानकों पर खरा उतरना होगा। तभी तदर्थ रोक हटाने पर प्राधिकरण विचार करेगा।

सचिव ने कहा कि उद्योगों के विकास के खिलाफ कोई नहीं है, किंतु विश्व प्रसिद्ध ताज को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। यह सबकी जिम्मेदारी है कि उनके द्वारा जो कार्य किया जाए, उससे ताज पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। ताज पर प्रदूषक तत्वों के प्रभाव को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोर्स अपोर्शमेंट स्टडी कर रहा है। तीनों मौसम में इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कांप्रीहेंसिव व्यू पर बल दिया। अधिकारियों को तीन माहमें लक्ष्य तय कर ताज के आसपास सड़कें ठीक कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डस्ट मिटीगेशन पॉलिसी जारी हो चुकी है, लेकिन शहर में भ्रमण के दौरान उन्हें इसका कहीं पालन नहीं दिखा। सड़क किनारे धूल उड़ने से रोकने के उचित इंतजाम किए जाएं। बैठक में कमिश्नर के. राम मोहन राव, डीएम गौरव दयाल और मथुरा के डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने भी सुझाव दिए।

लीला पैलेस व नयति हॉस्पिटल व्यक्तिगत मुद्दे

टीटीजेड अथॉरिटी की बैठक के एजेंडे में होटल लीला पैलेस व नयति हॉस्पिटल से जुड़े मामले भी थे। दोनों के मामले में जब सचिव सीके मिश्रा से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत मुद्दे हैं। इन पर टीटीजेड अथॉरिटी ही फैसला करेगी।

सीपीसीबी की टीम करेगी अध्ययन

उद्योगों द्वारा जनित प्रदूषण की जांच को सीपीसीबी एक्सपर्ट टीम बनाएगा। यह उद्योगों के प्रदूषण के पर्यावरण पर प्रभाव का अध्ययन करेगा। वहीं, नगर निगम द्वारा 15 मेगावाट के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को बैठक में सराहना मिली। यह रहे मौजूद

बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, सदस्य सचिव ए. सुधाकर, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सलाहकार ए. सेंथिल, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डॉ. रूपक डे, अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक बीके सिंह, एडीए उपाध्यक्ष राधेश्याम मिश्रा, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, रमन बल्ला आदि मौजूद रहे।


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