Move to Jagran APP

दरगाह में जूते पहनकर घुसने पर हुआ बवाल

आगरा: लपकों के खिलाफ चलाए गए पुलिस के अभियान के तरीके पर लोगों ने आपत्ति जताई है। आरोप है कि पुलिसकर्मी दरगाह में जूते पहनकर घुस गए थे। हालांकि पुलिस ने इससे इन्कार किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 11:52 PM (IST)
दरगाह में जूते पहनकर घुसने पर हुआ बवाल
दरगाह में जूते पहनकर घुसने पर हुआ बवाल

जागरण संवाददाता, आगरा: लपकों के खिलाफ चलाए गए पुलिस के अभियान के तरीके पर लोगों ने आपत्ति जताई है। आरोप है कि पुलिसकर्मी दरगाह में जूते पहनकर घुस गए थे। हालांकि पुलिस ने इससे इन्कार किया है।

loksabha election banner

लोगों का आरोप है कि यदि पुलिसकर्मी दरगाह में जूते पहनकर प्रवेश न करते तो यह नौबत न आती। पुलिस के इस कृत्य से ही क्षेत्रीय लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिन लोगों को पुलिस लपका बता रही है, वह दरगाह पर घूमने आए थे। उधर, पुलिस का कहना है कि लपकों के खिलाफ अभियान बादशाही गेट तक चलाया गया था। ऐसे में दरगाह परिसर में जूते पहनकर आने की बात गलत है। अपने खिलाफ कार्रवाई होने पर लपके गलत आरोप लगा रहे हैं। सहमे रहे पर्यटक

पथराव, फाय¨रग और धरपकड़ के चलते स्मारक पर अफरातफरी मची रही। पर्यटक भी इस दौरान सहमे हुए खुद को सुरक्षित करने का प्रयास करते दिखाई दिए। उन्होने भी भागकर अपनी जान बचाई।

यह हैं पकड़े गए लपके

पकडे गये लपकों में बल्ला, शकील, चुन्नू, यूनस, साबिर, नदीम एवं इस्लाम हैं। पुलिस ने पकड़े गए बच्चों को हिदायत देकर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

फू ल और चादर समेत सब है बिकता

सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर, 2004 को आदेश दिया था कि दरगाह और इसके 100 मीटर दायरे में कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी। इसके बावजूद दुकानदारों द्वारा बादशाही दरवाजा, दरगाह के दालान, बुलंद दरवाजा, पश्चिमी दरवाजा सहित मुख्य रास्तों पर खेल-खिलौने, चश्मे, टोपी, फूल, चादर, हैंडीक्राफ्ट, खाने-पीने की वस्तुओं के ठेल व फड़ लगाए जाते हैं। इसके आसपास लपकों का कॉकस सक्रिय रहता है। पहले भी हो चुका बवाल

एक जनवरी 2018: लपकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पहले भी बवाल हो चुका है। इस साल जनवरी में लपका पकड़ो अभियान के दौरान दो पुलिसकर्मी लपकों के पीछे जूते पहनकर स्मारक में प्रवेश कर गए थे। इसे लेकर जमकर हंगामा होने पर पुलिस बैकफुट पर आ गई थी। बाद में मामला रफा-दफा कर दिया गया था।

13 अप्रैल 2018: फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती की दरगाह व उसकी सौ मीटर दायरे में चल रहीं अवैध दुकानें हटवाने गए एएसआई कर्मी को दुकानदारों ने पीट दिया था। उसके कपड़े फाड़ अंगूठी और चेन लूटने का आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस दायरे में किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है।

22 नवंबर 2017: स्मारक घूमने आए स्विस पर्यटकों क्वेंटिन जर्मी 24 और उनकी महिला मित्र मैरी ड्रोज 22 हमला बोल दिया था। पथराव करके एक मैरी ड्रोज को घायल कर दिया था। मामले का विदेश मंत्रालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने नाबालिग आरोपितों को पकड़कर किशोर गृह भेजा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.