चंद्रशेखर आजाद के सपनों का भारत बनना अभी बाकी
सरदार भगत सिंह शहीद स्मारक समिति और राधामोहन गोकुल स्मारक समिति के सहयोग से मंगलवार को शहीद स्मारक में संगोष्ठी आयोजित की गई। चंद्रशेखर आजाद के 87वें शहीद दिवस पर हुई संगोष्ठी का मुख्य विषय क्रांतिकारियों की यादें था।
जागरण संवाददाता, आगरा :
सरदार भगत सिंह शहीद स्मारक समिति और राधामोहन गोकुल स्मारक समिति के सहयोग से मंगलवार को शहीद स्मारक में संगोष्ठी आयोजित की गई। चंद्रशेखर आजाद के 87वें शहीद दिवस पर हुई संगोष्ठी का मुख्य विषय क्रांतिकारियों की यादें था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुधीर विद्यार्थी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद के सपनों का भारत बनना अभी बाकी है। क्रांतिकारियों के बारे में यह दुष्प्रचार है कि वे हिंसा के समर्थक थे जबकि वे स्वाधीनता के समर्थक थे। आज पूरी दुनिया में जबकि नए किस्म की औपनिवेशिकता जबरन थोपी जा रही है हमारे क्रांतिकारियों की विरासत उसके खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देती है। दिल्ली के वरिष्ठ गजलकार आरके कृषक ने काव्य पाठ किया। संगोष्ठी को रेलवे सुरक्षा आयुक्त शादान जैब खान ने चंद्रशेखर आजाद को कमांडो की उपमा दी। कहा कि हमें जगह- जगह अपने क्रांतिकारियों की याद में मेले और सास्कृतिक आयोजनों की बड़ी श्रृंखला खड़ी करनी चाहिए। वहीं इससे पूर्व संगोष्ठी की शुरुआत इप्टा के जनगीत से हुई । राजीव कुमार पाल, राजेंद्र मिलन ने काव्य पाठ किया। संचालन डॉ. प्रेम शकर सिंह ने किया। इस दौरान धर्मपाल आर्य, रमेश चंद्र शर्मा, राजवीर सिंह राठौर, प्रकाशचंद्र अग्रवाल, रानी सरोज गौरिहार, शशि तिवारी, चौधरी बदन सिंह, अनुराग शुक्ला, विजय शर्मा, शशिकात पाडे, उमाकात चौबे मौजूद रहे।