शिक्षक की दृढशक्ति ने बदल दी स्कूल की तस्वीर
आगरा: बुढ़ान सैयद में एक ऐसा प्राथमिक स्कूल है जहां छात्र अंग्रेजी बोलते हैं और पहाड़े भी कंठस्थ हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा: बुढ़ान सैयद में एक ऐसा प्राथमिक स्कूल है जहां छात्र अंग्रेजी बोलते हैं और पहाड़े भी कंठस्थ हैं। एक शिक्षक की दृढ़शक्ति से अभावों में भी स्थापित की गई व्यवस्थाओं के बल पर अब स्कूल में कॉन्वेंट की तर्ज पर पढ़ाई कराई जा रही है।
यहां के हेड टीचर राजीव वर्मा ने उन शिक्षकों के लिए नजीर पेश की है, जो प्राथमिक शिक्षा की बदहाली के लिए व्यवस्था को दोष देते हैं। विभाग की परंपरागत व्यवस्था से जुदा यहां बच्चों के आइकार्ड से लेकर इंटरनल एग्जाम तक की प्रक्रिया व्यवहार में लाई गई है। नतीजा, यहां के बच्चे बोलते हैं और उन्हें 30 तक की टेबल कंठस्थ हैं। पीने को आरओ का पानी है, हर तरफ हरियाली है। इसमें बेसिक विभाग का प्रोत्साहन के रूप में योगदान शून्य है।
कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है। यहां अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों के हैं। छात्रों की संख्या 104 है। यहां प्रतिदिन सुबह प्रार्थना के साथ व्यायाम, योगा कराया जाता है। छात्रों को समाज में आदर्श विद्यार्थियों के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिदिन संस्कार दिए जाते हैं। परिवार, समाज, देश सेवा की बातें उनके जेहन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। सामान्य ज्ञान के लिए देश-दुनिया की जानकारी दी जाती है। महापुरुषों और देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंडल, जिला, तहसील, ब्लॉक, न्यायपंचायत, ग्राम पंचायत, वार्ड, टॉउन आदि की जानकारी दी जाती है। यही कारण है कि बच्चों का सामान्य ज्ञान अन्य स्कूलों के छात्रों से बेहतर है।
बच्चे समय-समय पर शौचालय निर्माण कराने का संदेश देते हैं। स्कूल में महापुरुषों की जयंती पर कार्यक्रम होते हैं। विद्यालय में शिक्षकों की योग्यता, फोन नंबर और फोटो चस्पा है। यहां विदेशी प्रतिनिधिमंडल भ्रमण को आते हैं। राजीव वर्मा दानदाताओं के सहयोग से बच्चों को उपयोगी सामग्री भी दिलाते हैं।
समाचार पत्र पढ़ना सिखाते
स्कूल में खास बात यह भी है कि यहां छात्रों को प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ने को दिया जाता है। वाचन में करने में कोई छात्र गलती करता है तो उसे समझाया जाता है।
शनिवार को टेस्ट, माह में प्रतियोगिता
छात्रों का प्रति शनिवार को टेस्ट लिया जाता है। शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन किया जाता है, इसके बाद हेड टीचर चार शिक्षामित्रों द्वारा जांची गई कॉपियों को चेक करते हैं। कुछ खामी मिलती है तो वे शिक्षामित्रों को भी समझाते हैं। एक माह में चित्रकला, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिता कराई जाती है। क्लास में बच्चों की आपस में अंग्रेजी भाषा में बात होती है। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन एसीएम तृतीय ने उक्त विद्यालय को आदर्श विद्यालय का खिताब दिया था।
नाम से पौधे, बच्चे देते पानी
विद्यालय परिसर में सभी बच्चों के नाम से पौधे लगाए गए हैं। बच्चे अपने नाम के पौधों में पानी देते हैं। हर साल बच्चों को भ्रमण पर ले जाया जाता है।
ये हैं सुविधाएं
राजीव वर्मा ने बताया कि संस्थाओं के सहयोग से विद्यालय में सबमर्सिबल तथा आठ शौचालय बनवाए हैं। एक हैंडपंप, हर कमरे में दो-दो पंखे, लाइट की व्यवस्था। पीने को आरओ के पानी की व्यवस्था कराई है।