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करोड़ों खर्च फिर भी सफाई नहीं, अब नही बढ़ेगा स्वच्छता का बजट Agra News

मेयर नवीन जैन ने 204 करोड़ के पुनरीक्षित बजट को किया एजेंडा जारी। हर माह सवा करोड़ खर्च होने के बाद भी गंदगी से क्षुब्ध है सदन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 05:50 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 06:28 PM (IST)
करोड़ों खर्च फिर भी सफाई नहीं, अब नही बढ़ेगा स्वच्छता का बजट Agra News
करोड़ों खर्च फिर भी सफाई नहीं, अब नही बढ़ेगा स्वच्छता का बजट Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। हर माह सवा करोड़ खर्च करने के बाद भी सड़क के दोनों ओर गंदगी को लेकर मेयर नवीन जैन क्षुब्ध है। उन्होंने संकेत दिए है कि जब तक शहर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त नही हो जाती है तब तक स्वच्छता मद में एक रुपया भी नही बढ़ाया जाएगा। सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने अफसरों से जवाब तलब भी किया है।

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मेयर ने आगामी 8 जनवरी को 204 करोड़ के पुनरीक्षित बजट को पारित करने के लिए बुलाई सामान्य बैठक का एजेंडा जारी करते हुए यह संकेत दिए है। दरअसल, विगत दिनों नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में 204 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट पास किया गया था। इस बैठक में भी मेयर ने निगम के अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए। पुनरीक्षित बजट में डीजल और गाडिय़ों के मेंटीनेंस पर होने वाले व्यय पर नाराजगी जताई थी। दोनों व्ययों को कम करने पर जोर दिया। आय के अतिरिक्त स्रोत तलाशने के आदेश दिए। इस बैठक में मुगल रोड का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रोड करने का निर्णय लिया गया था, जिस पर आम सदन में भी मुहर लगेगी। नालबंद चौराहा का नाम बदलकर महाराजा दक्ष चौराहा व तांगा स्टैंड ताजगंज का नाम ऑटो स्टैंड किए जाने पर भी प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है।

मानदेय बढ़ाने पर हो सकती है चर्चा

सदन में पार्षद मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर सकते है। कार्यकारिणी की बैठक मं पार्षद राजेश प्रजापति का कहना था कि वर्तमान में मानदेय 1500 रुपये है। जिसे बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रति माह किया जाए। दो माह पूर्व इस प्रस्ताव को पार्षद रवि माथुर ने सदन में रखा था। जिसे मंजूर कर लिया गया था लेकिन आजतक यह प्रस्ताव शासन में नहीं भेजा गया है। जबकि सफाई कर्मचारियों को 12 हजार रुपये प्रति माह मानदेय का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।

ये है बजट सार

- वर्ष 2019-20 का प्रारंभिक अवशेष बीस हजार लाख रुपये था।

- निगम की आय 47952 लाख रुपये और व्यय 47527 लाख है।

- पॉलीथिन, अतिक्रमण विरोधी अभियान से निगम की आय बढ़ी है।

- 7वां वेतनमान लगने से व्यय भी तेजी से बढ़ा है। 


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