आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट : एनओसी मिली नहीं, कंक्रीट के दो प्लांट तैयार
यूपीपीसीबी से लेनी है अनिवार्य रूप से एनओसी गुपचुप तरीके से ट्रायल की भी चल रही तैयारी
आगरा, जागरण संवाददाता । मेट्रो प्रोजेक्ट में नियम दरकिनार होने लगे हैं। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिले ही कंक्रीट के दो प्लांट लग गए हैं। पहला प्लांट पीएसी ग्राउंड और दूसरा बमरौली कटारा में लगा है। गुपचुप तरीके से दोनों प्लांट का ट्रायल चल रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बंदिशों के तहत उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) को मेट्रो ट्रैक के निर्माण की अनुमति दी थी।
फतेहाबाद रोड पर मेट्रो के तीन स्टेशन और एक डिपो बनेगा। यूपीएमआरसी की टीम ने ताज पूर्वी गेट स्टेशन पर काम शुरू कर दिया है। वहीं इसी माह के अंत से बसई और फतेहाबाद रोड स्टेशन का काम शुरू होने जा रहा है। पीएसी ग्राउंड में मेट्रो का पहला डिपो बनेगा। 112 करोड़ रुपये से बनने वाले डिपो के लिए कंक्रीट प्लांट लगाया गया है। एनओसी के लिए यूपीपीसीबी में आवेदन किया गया है। इसी तरह से बमरौली कटारा में कास्टिंग यार्ड बनाया गया है। यार्ड में कंक्रीट प्लांट लग चुका है। अभी तक इसकी एनओसी यूपीपीसीबी से नहीं ली गई है। यूपीपीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि कास्टिंग यार्ड छह हजार वर्ग मीटर में बना है, जहां यू-गर्डर, पियर कैप और आइ-गर्डर तैयार होंगे। सौ-सौ टन की क्षमता की दो मशीनें लगाई गई हैं।
अभी तक पहला पिलर बनकर नहीं हुआ तैयार
सात दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। एक माह के भीतर एक पिलर भी बनकर तैयार नहीं हुआ है। दिसंबर 2022 तक छह किमी में मेट्रो के संचालन का लक्ष्य रखा गया है। मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 8379 करोड़ रुपये है। मेट्रो की लंबाई तीस किमी है। पहला कारिडोर सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक 14 और दूसरा कारिडोर आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक 16 किमी होगा।
- मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत दो कंक्रीट प्लांट तैयार हैं। यूपीपीसीबी में एनओसी के लिए आनलाइन आवेदन किया गया है। एनओसी मिलने के बाद ही प्लांट चालू होंगे।
पंचानन मिश्रा, डीजीएम यूपीएमआरसी - कंक्रीट के दो प्लांट के लिए अभी तक एनओसी जारी नहीं हुई है। फिलहाल सत्यापन का कार्य चल रहा है।
भुवन यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी