Agra Lockdown Update Day 6: खाकी बनी मददगार, रात एक बजे से सुबह चार बजे तक घरों में बांटा जा रहा राशन
जगदीशपुरा की एक दर्जन बस्तियों में 600 परिवारों का खत्म हो गया था आटा। सुबह तक चले अभियान राशन के तहत 372 घरों में पहुंचाया सामान।
आगरा, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन के दौरान पुलिस की डंडे वाली भूमिका पूरी तरह से बदल गई है।आधी रात को अपराधियों का दरवाजा खटखटाने वाली पुलिस शनिवार की रात एक बजे जरूरतमंदों के दरवाजों पर दस्तक दे रही थी।पुलिस को देखकर डर के चलते दरवाजा नहीं खोलने से डरने वाले लोग बेहिचक दरवाजों को खोल रहे थे। पुलिस को धन्यवाद दे रहे थे। जगदीशपुरा पुलिस ने एक दर्जन से अधिक बस्तियों में शनिवार की रात एक बजे से रविवार सुबह चार बजे तक 372 घरों में आटा बांटा।
जगदीशपुरा की रामनगर, सीताराम वाली बगीची, बन्ना वाली गली, नई आबादी नगला अजीता, भीम नगर,नगला बेर और किशोरपुरा की गली नंबर एक से आठ तक एक दर्जन से अधिक बस्तियों के 600 घरों में आटा खत्म हो गया था।अधिकांश लोग श्रमिक वर्ग के हैं, होली के बाद काम पर जाना शुरू ही किया था। इसके चलते उन्हें हर सप्ताह मिलने वाला भुगतान नहीं हो सका था। इसके अलावा लॉकडाउन के अगले ही दिन लोगों ने दुकानों पर से इकठ्ठा राशन खरीद लिया था। इससे दुकानों पर आटे की किल्लत हो गई थी। लोगों को आटा नहीं मिल रहा था। वह तीन दिन से भटक रहे थे। इसके चलते उनके घरों में चूल्हा नहीं जल रहा था।
बस्ती के ऐसे परिवारों को चिन्हित करके सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। एसएसपी बबलू कुमार ने थाने को इन लोगों की मदद करने की कहा। थाने के इंस्पेक्टर राजेश कुमार, एसआइ अवनीत मान ने पुलिसकमियों के साथ शनिवार की रात एक बजे से इन परिवारों के घर पर जाकर राशन और आटे के पैकेट बांटने का अभियान शुरू किया। सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से रविवार सुबह 372 परिवारों को आटा और राशन मुहैया कराया। नरेश पारस ने बताया 240 परिवारों को सामाजिक संगठनों की मदद से आटा उपलब्ध कराया गया। प्रयास किया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी परिवार रात को भूखा न सोए।