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डीईआइ में बेटियों ने भरी सफलता की उड़ान, लहराया परचम

37वें दीक्षा समारोह में डी गुरुप्रिया को फाउंडर्स, चंद्रकांता व इति को प्रेसीडेंट मेडल मिले, 3823 छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई उपाधि

By Edited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:00 AM (IST)
डीईआइ में बेटियों ने भरी सफलता की उड़ान, लहराया परचम
डीईआइ में बेटियों ने भरी सफलता की उड़ान, लहराया परचम

आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग शिक्षण संस्थान के 37वें दीक्षा समारोह में बेटियों का जलवा रहा। बीकॉम ऑनर्स की डी गुरुप्रिया को पिछले सत्र में सर्वोत्तम छात्रा के लिए फाउंडर्स मेडल प्रदान किया गया। इसके अलावा स्नातक परीक्षा में सर्वोत्तम स्थान के लिए चंद्रकांता और स्नातकोत्तर परीक्षा में सर्वोच्च अंक के लिए इति गोयल को प्रेसीडेंट मेडल प्रदान किया गया। समारोह में 3823 छात्र-छात्राओं को डायरेक्टर मेडल प्रदान किया गया। डीईआइ के दीक्षांत सभागार में आयोजित 37 वें दीक्षा समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो. पीके कालरा ने की। मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा रहे। उन्होंने ग्रामीण विकास, रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास एवं औपचारिक शिक्षा प्रणाली में डीईआइ के योगदान की सराहना की। उन्होंने छात्र-छात्राओं को नए भारत के निमार्ण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया। संस्थान के निदेशक प्रो. पीके कालरा ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। संस्थान के अध्यक्ष प्रेम प्रशांत ने मेधावियों को मेडल व उपाधि प्रदान कीं। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षा परामर्शदाता समिति के अध्यक्ष प्रो. पीएस सत्संगी, रानी साहिबा, रजिस्ट्रार आनंद मोहन, प्रो. जेके वर्मा आदि उपस्थित रहे। प्रो. आनंद को एल्युमिनाई अवार्ड प्रो. आनंद श्रीवास्तव को वर्ष 2018 का डिस्टिंगुइस्ट एल्युमिनाई अवार्ड प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि अमरजीत सिन्हा को सिस्टम सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया।

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ये मिली उपाधि एमफिल

- 52 स्नातकोत्तर - 494 स्नातक - 1395 स्नातक ऑनर्स - 530 पीजी डिप्लोमा - 127 सर्टिफिकेट हाईस्कूल - 216 सर्टिफिकेट इंटर - 287 - डिप्लोमा - 673 पीएचडी - 59 ये मिले मेडल - प्रेसीडेंट मेडल - 2 डायरेक्टर मेडल - 89

शिक्षक बन करनी है सेवा

दीक्षा समारोह में फाउंडर्स मेडल प्राप्त करने वाली डी. गुरुप्रिया ने सफलता का श्रेय माता-पिता और दयालबाग की शिक्षा को दिया। वे एमबीए कर रही हैं और शिक्षक बनकर दयालबाग में ही अपनी सेवा देना चाहती हैं। पढ़ने के अलावा उन्हें थियेटर और तबला बजाने का शौक है। उनके पिता डी. गणेश्वर राय डीईआइ में ही हैं।

पिता के सपने को बेटी ने किया पूरा

स्नातक में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली चंद्रकांता को प्रेसीडेंट और डायरेक्टर मेडल मिला है। संस्कृत से बीए ऑनर्स करने वाली चंद्रकांता ने बताया कि उनके पिता श्याम सिंह राजमिस्त्री हैं। पिता का सपना है कि बेटी खूब पढे़ं। पिता के इस सपने को उन्होंने पूरा किया है। पिछले साल भी उन्हें डायरेक्टर मेडल मिला था। वह संस्कृत में पीएचडी करना चाहती हैं।

आइएएस बनना चाहती हैं इति

प्रेसीडेंट और डायरेक्टर मेडल प्राप्त करने वाली इति गोयल ने एमएससी में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए हैं। बदायूं की रहने वाली इति ने पिता अरविंद गोयल व मां सीमा गोयल को सफलता का श्रेय दिया है। वह आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं।

मेडल प्राप्त करने में रहीं अव्वल

एमफिल में डायरेक्टर मेडल प्राप्त करने वाली शिवानी सेठ को सातवीं बार मेडल मिला है। इससे पहले वह अलग-अलग पाठ्यक्रम में छह बार यह मेडल प्राप्त कर चुकीं हैं। एमफिल की रितिका सिंह को भी तीसरी बार मेडल मिला है। इससे पहले वह बीए ऑनर्स व एमए में मेडल प्राप्त कर चुकी हैं। पीएचडी से सम्मानित दीक्षा समारोह में प्रियंका सिंह को पीएचडी से सम्मानित किया गया। उन्होंने प्रो. संजय भूषण और डॉ. सुनीता कुमारी के निर्देशन में शोध किया है। शशांक ने बीटेक में मारी बाजी मैकेनिकल इंजीनिय¨रग से बीटेक कर रहे शशांक गर्ग ने सभी संकाय में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने पिता रवि गर्ग व माता रजनी गर्ग को सफलता का श्रेय दिया है।


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