Agra Christmas 2020: ताजनगरी से संचालित होते हैं ईसाई धर्म के महाधर्म प्रांत और आगरा डायसिस
एतिहासिक हैं आगरा के दस गिरजाघर। आगरा डायसिस करता है 52 गिरजाघरों का संचालन तो आर्च डायसिस के करता है 50 गिरजाघरों का। वजीरपुरा स्थित निष्कलंक माता के महागिरजाघर परिसर में ही आर्च डायसिस आफ आगरा का बिशप हाउस है जहां से इस महाधर्म प्रांत का निर्देशन होता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। शिक्षा, चिकित्सा और धर्म के लिए समर्पित ईसाई धर्म के लिए ताजनगरी सालों से महत्वपूर्ण रही है। आगरा से ही महाधर्म प्रांत यानी आर्च डायसिस आफ आगरा का संचालन होता है और यहीं से डायसिस आफ आगरा भी कई गिरजाघरों को संभालता है।
आर्च डायसिस आफ आगरा
वजीरपुरा स्थित निष्कलंक माता के महागिरजाघर परिसर में ही आर्च डायसिस आफ आगरा का बिशप हाउस है, जहां से इस महाधर्म प्रांत का निर्देशन होता है। 1956 से पहले तक आगरा महाधर्म प्रांत की जिम्मेदारी इटली के धर्माधिकारी संभालते थे। उसके बाद पहले भारतीय आर्च बिशप डोमनिक अथैड हुए थे। वर्तमान में महाधर्म प्रांत से लगभग 50 गिरजाघर और संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। पांच आर्च बिशप विदेशी और चार भारतीय रहे हैं। ताजनगरी में इनके प्रमुख गिरजाघर निष्कलंक माता का महागिरजाघर, अकबरी चर्च, सेंट मैरी चर्च, सेंट पैट्रिक चर्च है। डा.अल्बर्ट डिसूजा 10वें और वर्तमान आर्च बिशप हैं।
आगरा डायसिस संचालन करता है 52 गिरजाघर
सेंट पाल्स चर्च परिसर में डायसिस आफ आगरा (चर्च आफ नार्थ इंडिया) और बिशप हाउस 1976 से संचालित हैं। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के करीब 44 जनपद आते हैं। इनमें करीब 52 चर्च हैं, जिनका संचालन 45 पादरी और 22 ग्राम सेवक करते हैं। 46 स्कूल एवं कालेज है।1886 में पूरे उत्तर भारत में रोमन कैथोलिक समाज का केंद्र आगरा था। जैसे-जैसे चर्चो की संख्या और जनसंख्या में वृद्धि होती गई, धर्म प्रांत का विभाजन होता गया। 1891 में अजमेर, 1910 में शिमला, 1937 में दिल्ली और पंजाब, 1956 में मेरठ को अलग-अलग धर्म प्रांत बना दिया गया। अब जो महाधर्म प्रांत है, उसमें 16 जनपद हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के 14 शहरों के अलावा राजस्थान के दो जनपद धौलपुर और भरतपुर भी शामिल हैं। इन जनपदों में करीब सौ फादर हैं, जिनमें से 67 चर्चो में सक्रिय हैं। इस डायसिस के पहले बिशप एवी जोनार्थन थे। इस डायसिस के पहले बिशप एवी जोनार्थन थे। वर्तमान बिशप राइट रेवरेंड डा. पीपी हाबिल हैं।
डायसिस के प्रमुख गिरजाघर
सेंट पाल्स चर्च, सेंट जार्जेज चर्च, सेंट जोंस चर्च सिकंदरा और फव्वारा स्थित सेंट जोंस चर्च
आपदा में दिया था रोजगार
खंदारी स्थित सेंट पाल्स चर्च की नींव 1840 में रखी गई थी, 1855 में यह चर्च बनकर तैयार हुआ।1852 में आपदा के समय इस गिरजाघर ने लोगों को रोजगार दिया था।इस गिरजाघर के लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने भूखंड प्रदान किया था।