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श्रेणी बदलने से ही टलेगा उद्योगों का संकट

आगरा : व्यापारी अपने मजदूर को मजदूरी और सरकार को टैक्स देता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 08:20 PM (IST)
श्रेणी बदलने से ही टलेगा उद्योगों का संकट
श्रेणी बदलने से ही टलेगा उद्योगों का संकट

जागरण संवाददाता, आगरा : व्यापारी अपने मजदूर को मजदूरी और सरकार को टैक्स देता है, जो बचता है, उसे ही घर ले जाता है। ऐसे में हर व्यापारी को शक की निगाह से देखना सही नहीं। यह कहना है कि लघु उद्योग भारती जिला अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल का। वह शनिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के संजय प्लेस स्थित शाखा कार्यालय पर लघु उद्योग और सरकार की नीतियों को लेकर हुई चर्चा में बोल रहे थे।

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संस्था के विजय गुप्ता ने बताया कि पहले लघु उद्योग के लिए जीएसटी की सीमा डेढ़ करोड़ थी, जो अब समाप्त हो गई है, इससे लघु उद्योगों के सामने बड़ी समस्या आ गई है और उन्हें नुकसान हुआ है जबकि बड़े उद्योगों को फायदा हुआ है।

बैठक में चर्चा हुई कि जीसएटी की कार्रवाई पूरी करने के दौरान व्यापारी से कोई मानवीय गलती हो, तो उनके लिए पैनल्टी नहीं लगनी चाहिए। ई वे बिल में वाहन नंबर का एक नंबर भी गलत होने पर व्यापारियों पर पेनल्टी लग रही है। प्रदूषण की दृष्टि से उद्योगों का दोबारा वर्गीकरण होना चाहिए। टीटीजेड में केवल व्हाइट उद्योगों को लगाने की अनुमति है, ओरेंज और ग्रीन श्रेणी में अनुमति नहीं मिल रही, जिससे उद्योगों की संख्या आगरा से सिमट रही है। सभी ने कहा कि व्यापारी सरकार की नीतियों में सहभागिता व सहयोग दे रहा है, इसलिए सरकार व्यापारियों के लिए ऐसा माहौल बनाए, जिससे व्यापारियों में भय का माहौल खत्म हो, उद्योगों का विस्तार हो। चर्चा में आगरा शाखा अध्यक्ष सीए मोहनलाल कुकरेजा, सीए नितेश गुप्ता, सीए सुदीप जैन, सीए शरद पालीवाल, सीए प्रेम गुल, सीए निखिल गुप्ता, जतिन अग्रवाल, संजीव जैन, श्याम सुंदर सिद्धांत मित्तल, उमेश शर्मा आदि मौजूद रहे।


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