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पॉलीथिन अभियान: शोर में आगे, एक्‍शन में पीछे, आंकड़ों ने खोली ताजनगरी की सचाई Agra News

ग्राम पंचायतों में खानापूर्ति में सिमटा पॉलीथिन अभियान। पॉलीथिन जब्त करने के नाम पर पीटा सिर्फ ढिंढोरा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 06:07 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 06:07 PM (IST)
पॉलीथिन अभियान: शोर में आगे, एक्‍शन में पीछे, आंकड़ों ने खोली ताजनगरी की सचाई Agra News
पॉलीथिन अभियान: शोर में आगे, एक्‍शन में पीछे, आंकड़ों ने खोली ताजनगरी की सचाई Agra News

आगरा, राजीव शर्मा। प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त करने को लेकर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत चलाए गए अभियान के नाम पर ढिंढोरा ही पीटा गया। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार महीने में मंडलभर में डेढ़ हजार किग्रा ही पॉलिथीन जब्त हो पाई। हालांकि इस मामले में ताजनगरी से आगे सुहागनगरी रही।

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प्रदेश में सभी प्रकार की पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मगर, इस पर अमल नहीं हो पा रहा। अभियान का शुरुआती दौर में तो असर दिखा लेकिन समय के साथ ये ठंडा पड़ता गया। इसमें सबसे ज्यादा लापरवाही आगरा की ग्राम पंचायतों में बरती गई। फीरोजाबाद से 126 ग्राम पंचायतें अधिक होने के बावजूद यहां विभिन्न अभियानों के दौरान 19 किग्रा कम पॉलीथिन जब्त हो सकी। हालांकि जुर्माना वसूलने के मामले में आगरा मंडल में सबसे अव्वल रहा। चारों जिलों में सबसे कम मैनपुरी में प्रतिबंधित पॉलीथिन पकड़ी गई।

आगरा की स्थिति

695 ग्राम पंचायतें हैं जिले में

512 किग्रा पॉलीथिन जब्त की

55,750 रुपये वसूला जुर्माना

फीरोजाबाद की स्थिति

569 ग्राम पंचायतें हैं जिले में

531 किग्रा पॉलीथिन जब्त की

9,850 रुपये वसूला जुर्माना

मथुरा की स्थिति

439 ग्राम पंचायतें हैं जिले में

295 किग्रा पॉलीथिन जब्त की

11,500 रुपये वसूला जुर्माना

मैनपुरी की स्थिति

552 ग्राम पंचायतें हैं जिले में

234 किग्रा पॉलीथिन जब्त की

8,500 रुपये वसूला जुर्माना

मंडल की स्थिति

2,255 ग्राम पंचायतें हैं मंडल में

1,572 किग्रा पॉलीथिन जब्त की

85,600 रुपये वसूला जुर्माना

2 अक्टूबर से लगा प्रतिबंध

प्रदेश में बीते साल दो अक्टूबर से हर प्रकार की पॉलीथिन व थर्माकोल पर प्रतिबंधित कर दिया गया। इससे पहले 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन पर प्रतिबंधित थी।

पकड़े जाने पर ये है जुर्माना

- व्यक्तिगत तौर पर पॉलीथिन रखने पर एक हजार से दस हजार रुपये।

- दुकान या फैक्ट्री वालों पर दस हजार से एक लाख रुपये।

भंडारण पर रोक नहीं

आगरा ही नहीं, आसपास के जिलों में पॉलीथिन का खूब भंडारण है। गोदामों में इन्हें छुपाकर रखा गया है। बाद में इसे फुटकर विक्रेताओं को बेच दिया जाता है। अब तक जो भी अभियान चले हैं, वह फुटकर विक्रेताओं पर ही चले हैं। भंडारण करने वाले अब तक निशाने पर नहीं आए। जबकि तत्कालीन मंडलायुक्त के. राममोहन राव ने एक बैठक में पॉलीथिन की आवक पर ही प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे।  


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