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असेंबली में भगत सिंह ने फोड़ा था आगरा में बना बम

आगरा : जंग-ए-आजादी में आगरा क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र रहा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 10:36 PM (IST)
असेंबली में भगत सिंह ने फोड़ा था आगरा में बना बम

आगरा : जंग-ए-आजादी में आगरा क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र रहा था। ब्रिटिश सरकार को नींद से जगाने को सरदार भगत सिंह ने जो बम दिल्ली में लेजिस्लेटिव असेंबली में फोड़ा था, वह आगरा में ही बना था। क्रांतिकारी आगरा में छद्म नामों से किराए पर लिए गए मकानों में रहे थे।

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¨हदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी ने आगरा को भी अपना केंद्र बनाया था। चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ने यहां नागरिकों में नई चेतना जगाई थी। वर्ष 1926 से 1929 तक शहर क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र रहा था। छद्म नामों से उन्होंने नूरी दरवाजा, हींग की मंडी, नाई की मंडी में मकान किराये पर लिए थे। भगत सिंह का रणजीत, राजगुरु का रघुनाथ, चंद्रशेखर आजाद का बलराज, बटुकेश्वर दत्त का मोहन, भगवान दास माहौर का कैलाश, शिव वर्मा का प्रभात, जयदेव कपूर का हरीश छद्म नाम था। नूरी दरवाजा प्रमुख केंद्र था। यहां क्रांतिकारी बैठकें करने के साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेते थे। चंद्रशेखर आजाद के निर्देशन में यतींद्र नाथ दास हींग की मंडी स्थित मकान में बम बनाने का प्रशिक्षण देते थे। जंगलों में इन बमों का परीक्षण किया जाता था। आठ अप्रैल, 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने जो बम दिल्ली लेजिस्लेटिव असेंबली में फोड़ा था, उसे शहीद यतींद्र नाथ दास ने आगरा में ही तैयार किया था। इसका जिक्र सरदार भगत सिंह शहीद स्मारक समिति द्वारा मुद्रित किताब 'आगरा मंडल के देशभक्त शहीदों पर स्मारिका' में किया गया है। नूरी दरवाजा में आज वह मकान बदहाली का शिकार है, जहां कभी क्रांतिकारियों ने आजादी की जंग को मंत्रणाएं की थीं।


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