71 की उम्र और युवाओं सा जोश
जागरण संवाददाता, आगरा: मोहम्मद अब्दुल कलीम। उम्र 71 साल है पर जोश युवाओं जैसा। 67 साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाला यह शख्स कश्मीर से कन्याकुमारी की राइड पर अपनी 125 सीसी की मोटरबाइक पर निकला हुआ है। राइड के दौरान वह देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण को पौधे लगाने का संदेश देते हुए चलते हैं। मंगलवार को आगरा पहुंचने पर आगरा एन्फील्डर्स द्वारा उनका स्वागत किया गया।
जागरण संवाददाता, आगरा: मोहम्मद अब्दुल कलीम। उम्र 71 साल है पर जोश युवाओं जैसा। 67 साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाला यह शख्स कश्मीर से कन्याकुमारी की राइड पर अपनी 125 सीसी की मोटरबाइक पर निकला हुआ है। राइड के दौरान वह देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण को पौधे लगाने का संदेश देते हुए चलते हैं। मंगलवार को आगरा पहुंचने पर आगरा एन्फील्डर्स द्वारा उनका स्वागत किया गया।
सेना से सेवानिवृत्त हैदराबाद निवासी कलीम ने कश्मीर से कन्याकुमारी की राइड 11 मार्च को शुरू की थी। बाइकिंग सर्कल में ं'मूंछ वाला' के नाम से लोकप्रिय कलीम बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही राइडिंग का शौक था। 24 साल की उम्र में उन्होंने राइडिंग की शुरुआत की थी। आज उनका सफर 47 वर्षो का हो चुका है। कलीम ने बताया कि शुरुआत में वह बुलेट चलाते थे। रिफ्लेक्शंस कमजोर होने से अब भारी बाइक चलाना उनके लिए आसान नहीं है। अब वह 125 सीसी की बाइक से कश्मीर से कन्याकुमारी के सफर पर निकले हैं। प्रतिदिन करीब 350 किमी बाइक चलाते हैं। कलीम कहते हैं कि फौजी रैंक से नहीं बनते, जो देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को समझ ले, वही फौजी है।
आगरा आने पर उनका स्वागत फतेहाबाद रोड स्थित होटल लवकुश में आगरा एन्फील्डर्स और वी रॉयल राइडर्स द्वारा किया गया। इस दौरान धीरज सोलंकी, एसपी सिंह, कुश उपाध्याय, हिमांशु बंसल, संदीप सोलंकी, सौरभ अग्रवाल, सौरभ जैन, जितिन सहगल, वारिज उस्मानी, जेपीएस राठौर आदि मौजूद रहे।
बना चुके हैं गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
कलीम का नाम बाइक राइडिंग के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। उन्होंने वर्ष 2014 में साढ़े तीन माह में 35 हजार किमी बाइक चलाकर यह रिकॉर्ड बनाया था। इस यात्रा के दौरान उन्होंने 100 से अधिक पौधे रोपे थे। वह 12 बार लेह-लद्दाख के खारदुंगला की सोलो राइड कर चुके हैं।
राइडिंग के दौरान लगाए 15 हजार पौधे
कलीम बताते हैं कि वो राइडिंग के दौरान पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए बच्चों से मुलाकात करते हैं। राइड के दौरान जहां रुकते हैं, वहां पौधे लगाते हैं। अब तक वह देशभर में करीब 15 हजार पौधे लगा चुके हैं। इनमें से बहुत से पेड़ में बदल गए हैं। नारियल पर तो फल भी आ चुके हैं। अपने द्वारा लगाए गए पौधों को पेड़ के रूप में देख उन्हें सुखद अहसास होता है।
आगरा से मोहब्बत का नाता
कलीम का आगरा से मोहब्बत का नाता है। वह यहां हनीमून मनाने के लिए आए थे। उसके बाद राइड के दौरान कई बार यहां से गुजर चुके हैं। कलीम कहते हैं कि आगरा एक अच्छा और ऐतिहासिक शहर है। यहां के लोगों को अपने शहर पर ़फख्र है। यहां आना उन्हें अच्छा लगता है।