Sonu Sood को किया Tweet, आगरा में रिटायर्ड अधिकारी के परिवार की मदद को पहुंची टीम
सिकंदरा क्षेत्र की एक कालोनी के रहने वाले परिवार का है मामला। सरकारी विभाग सेवानिवृत्त अधिकारी की पत्नी और बच्चे को लेकर किया गया था ट्वीट। सेवानिवृत्त अधिकारी की कुछ दिन पहले हो चुकी है मौत। बीमार पत्नी की देखभाल में असमर्थ है दिव्यांग बेटा।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में अभिनेता सोनू सूद लोगों के रियल हीरो बन गए हैं। वह लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर आक्सीजन उपलब्ध कराने तक, हर तरह से मदद कर रहे हैं। उनसे मदद मांगने वालों में आम आदमी ही नहीं, क्रिकेटर से लेकर अभिनेत्री तक शामिल हैं। सोनू सूद सभी के ट्वीट का तत्काल जवाब देने के साथ ही उनकी हर संभव मदद भी कर रहे हैं।
इसलिए लोग अब उनसे इंजेक्शन, आक्सीजन सिलिंडर के अलावा अन्य समस्याओं को लेकर भी मदद के लिए ट्वीट कर रहे हैं। अभिनेता को छह मई को आगरा में पूर्व अधिकारी के परिवार के रिश्तेदार की ओर से ट्वीट करके मदद मांगी गई। इसे गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए। ट्वीट की जानकारी होने पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम रात में ही पीड़ित परिवार के पास पहुंच गई।
मामला आगरा के सिकंदरा इलाके के औद्योगिक क्षेत्र की एक कालोनी का है। सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी की कुछ दिन पहले मौत हो गई। उनकी पत्नी रीढ़ की हड्डी में दिक्कत के चलते पलंग से उठ नहीं सकतीं। एक बेटा है जो 24 साल का है, लेकिन वह मानसिक रूप से दिव्यांग है। महिला का दिल्ली में रहने वाला भांजा उनके पास आया था। वह मौसी को अपने साथ ले जाना चाहता है। मगर, मौसेरे भाई की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था। उसे प्रशासन की मदद से किसी आश्रम या आश्रय स्थल में भेजना चाहता था।
छह मई को दिव्यांग बेटे को इसका पता चला तो वह उग्र हो गया। उसने पूरे घर में हंगामा काट दिया। मौसेरे भाई से मारपीट कर दी। इस समस्या को सुलझाने के लिए महिला के भांजे की परिचित युवती ने अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट कर दिया। इसमें सोनू सूद से दिव्यांग बेटे के पिता की मौत होने उसे तत्काल मदद के लिए निवेदन किया गया था। ट्वीट को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान में लेते हुए चाइल्ड लाइन व स्थानीय पुलिस-प्रशासन को पीड़ित परिवार की मदद के निर्देश दिए।
महिला के भांजे ने पुलिस व चाइल्ड लाइन टीम को बताया कि वह उसे साथ ले जाने को तैयार था। मागर, दिव्यांग भाई को ले जाना नहीं चाहता था। दिव्यांग पर घर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। उसका पुलिस से कहना था कि दिव्यांग मौसेरे भाई को वह किसी आश्रय स्थल या आश्रम में रखवा दे। दिव्यांग के बालिग होने के चलते पुलिस ने मना कर दिया। उसे सामाजिक के साथ नैतिक जिम्मेदारी का हवाला दिया। इंस्पेक्टर सिकंदरा कमलेश सिंह ने बताया कि युवक दिव्यांग मौसेरे भाई को पुलिस के माध्यम से आश्रम में भेजना चाहता था। जबकि वह बालिग है, मां के साथ खुद के मकान में रहता है। वह मां को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, वहीं मां भी उसे अपने से अलग करना नहीं चाहती है।