CoronaVirus: आगरा में जमातियों के बाद अब कोरोना का फूटने लगा हॉस्पिटल बम
विदेश से लौटने वालों से आगरा में कोरोना की शुरूआत। जमातियों ने बढ़ाई संख्या। निजी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के बाद बिगड़ने लगे हालात।
आगरा, जागरण संवाददाता। गुरुवार को एक ही दिन में 19 कोरोना पॉजिटिव आने से आगरा प्रदेश का सबसे संवेदनशील शहर बन गया है। इससे निपटने के लिए प्रशासन पूरे जोर शोर से प्रयासरत है। ताजनगरी में कोरोना संक्रमण विदेश से लौटने वालों ने फैलाया, यह नियंत्रित होने लगा था तभी जमातियों ने कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ा दी। अब निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के बाद तो हालात बुरी तरह बिगड़ने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज आगरा में हैं। अभी तक 84 केस आ चुके हैं। चार हॉस्पिटल सील किए गए हैं, इन हॉस्पिटल के 300 लोगों की जांच कराई गई है। अभी तक चार हॉस्पिटल में कार्यरत 8 कर्मचारी तथा उनके तीन परिजन सहित 11 संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना मरीज का इलाज करने वाले एक वरिष्ठ डॉक्टर में भी कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
हॉस्पिटल में नहीं बरती सावधानी, मरीजों की नहीं दी सूचना
लॉक डाउन के साथ ही लोगों ने मुंह पर मास्क, ग्लब्स, सिर पर कैप और सैनेटाइजर का इस्तेमाल बड़े स्तर पर शुरू कर दिया। मगर, निजी अस्पतालों में विशेष सावधानी नहीं बरती गई। निजी अस्पतालों को गंभीर सांस संबंधी समस्या (सीवियर एक्यूट रेस्पेरेटरी इलनेस, सारी) के मरीजों की कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजने की अनिवार्यता की गई। इसके लिए निजी अस्पतालों के टेक्नीशियन को प्रशिक्षण भी दिया गया। मगर, निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं दी और सैंपल भी नहीं भेजे। डॉक्टरों ने सावधानी बरती मगर, स्टाफ को मास्क तक नहीं उपलब्ध कराए। सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूप्मेंट पीपीई का भी इस्तेमाल नहीं कराया गया।
निजी अस्पतालों में कोरोना बम
रकाबगंज क्षेत्र के हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर और उनके डॉक्टर बेटे बाहर नहीं गए थे, इनके हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती रहते हैं। इन दोनों में मेदांता में तीन अप्रैल को कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर, मरीज कर्मचारी सहित 150 की जांच कराई गई। लैब और आपरेशन थिएटर के टेक्नीशियन में छह अप्रैल को कोरोना की पुष्टि हुई। इन दोनों के परिजनों की जांच कराई, इसमें लैब टेक्नीशियन की पत्नी और बेटी में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। अस्पताल के डॉक्टर पिता पुत्र सहित छह लोग संक्रमित हो चुके हैं।
भगवान टॉकीज के पास हाइवे स्थित हॉस्पिटल के आइसीयू में 25 मार्च से 2 अप्रैल तक कोरोना संक्रमित मंटोला क्षेत्र की महिला मरीज भर्ती रही। तीन अप्रैल को इसे मथुरा जिले के नयति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। चार अप्रैल को महिला में कोरोना की पुष्टि होने के बाद आगरा के हॉस्पिटल के डॉक्टर सहित 49 के सैंपल लिए गए। इसमें से छह में कोरोना की पुष्टि हुई है।
मुगल रोड कमला नगर के हॉस्पिटल में 76 साल की महिला मरीज का पांच दिन इलाज चला, सात अप्रैल को कोरोना की पुष्टि के बाद एसएन में भर्ती किया गया, आठ अप्रैल को मौत हो गई। हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारियों के सैंपल जांच को भेजे गए हैं।
26 मार्च को बाइपास स्थित हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर के अमेरिका से लौटे बेटे में कोरोना की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर दंपती सहित 32 लोगों की जांच कराई गई थी, इसमें से डॉक्टर में ही कोरोना की पुष्टि हुई है।
50 फीसद से अधिक जमाती, तीन अप्रैल से बढ़े मामले
इस तरह ताजनगरी में हालात बिगड़े। मस्जिदों से 147 जमाती और उनके संपर्क में आए लोग पकड़े गए, इसमें से 28 निजामुद्दीन से जुड़े हुए थे। तीन अप्रैल को सात जमातियों में कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद से लगातार केस आ रहे हैं। अभी तक जमाती और उनके संपर्क में आए 43 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
विदेश से लौटने वालों ने किया संक्रमित
खंदारी क्षेत्र के जूता कारोबारी के दो बेटे इटली से लौटे परिवार के तीन सदस्य, फैक्र्टी मैनेजर और उनकी पत्नी सहित 5 संक्रमित हुए। इसी तरह बाइपास स्थित हॉस्पिटल संचालक का बेटा अमेरिका से लौटा डॉक्टर पिता को संक्रमित किया। कमला नगर मुगल रोड की एक कॉलोनी निवासी कंपनी में कार्यरत युवक नीदरलैंड से लौटा 76 साल की दादी को संक्रमित किया, मौत हो गई। यह खुद कोरोना संक्रमित है, पिता और मां में भी कोरोना की पुष्टि हुई है।
आगरा में कभी तक कोरोना
कोरोना के केस- 84
मरीज हो चुके ठीक- 8
मरीज की मौत- 1
जमाती और उनके संपर्क में आने वाले- 43
विदेश से लौटने वाले - 12
जमाती और हॉस्पिटलों के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अभी तक 84 केस आ चुके हैं। आठ ठीक हुए हैं और 75 का इलाज चल रहा है।
प्रभु एन सिंह, जिलाधिकारी
निजी चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौती है। उन्हें गंभीर मरीजों की जान बचानी है, ऐसे में मरीज कोरोना संक्रमित है, इसका पता लगाने के लिए रैपिड टेस्ट की सुविधा शुरू होनी चाहिए। आगरा के हॉस्पिटलों में कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती होने और उससे डॉक्टर और स्टाफ के संक्रमित होने के बाद हर मरीज की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। पूरी सावधानी बरती जा रही है, मास्क, ग्लब्स, पीपीई का इस्तेमाल किया जाएगा।
डॉ रवि मोहन पचौरी, अध्यक्ष आइएमए, आगरा