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भारत बंद के चलते इंटरनेट सेवा रही बंद, जुमे की नमाज को लेकर रहा दिनभर अलर्ट Agra News

सोशल मीडिया पर भारत बंद की अपील के बाद से सक्रिय रहा पुलिस प्रशासन। पांच जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया था शहर। पीएसी आरएएफ और आरआरएफ रही तैनात।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 12:10 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 09:36 PM (IST)
भारत बंद के चलते इंटरनेट सेवा रही बंद, जुमे की नमाज को लेकर रहा दिनभर अलर्ट Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। भीड़ हिंसा को लेकर मंटोला में हुए बवाल के बाद सोशल मीडिया पर भारत बंद की अफवाहों के चलते पुलिस प्रशासन ने खासी सतर्कता बरती। सुबह छह बजे से पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया था। इसके बाद दोपहर करीब 11 बजे से शाम छह बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। इधर जुमे की नमाज को लेकर भी प्रशासन ने खासी एहतियात बरती। जामा मस्जिद पर दोपहर में करीब चार सौ नमाजियों की भीड़ रही। लेकिन प्रशासन की तैयारियों के बीच प्रदर्शन जैसी कोई बात सामने नहीं आई। फीरोजाबाद में भी मुस्लिम समाज ने पहले ही नमाज के बाद प्रदर्शन का एलान कर रखा था। इसे देखते हुए आगरा और फीरोजाबाद में प्रशासन अलर्ट रहा। 

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इधर इंटरनेट सेवा बंद होने पर पहले तो लोगों की कुछ समझ नहीं आया। सुबह से कुछ कंपनियों की इंटरनेट सेवा काम नहीं कर रही थी। परेशान लोग एक दूसरे से पता करते रहे। 12 बजे के बाद कुछ कंपनियों से उपभोक्‍ताओं के फोन पर इंटरनेट सेवाएं अस्‍थाई तौर पर बंद होने के मैसेज आने लगे। मेरठ के बाद आगरा में भी सोशल मीडिया से बवाल की आशंका में प्रशासन द्वारा ये कदम उठाया गया है। शहरभर में मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस फोर्स दिन भर तैनात रहा। पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ फ्लैग मार्च भी करते रहे। उधर फीरोजाबाद में गुरुवार शाम से ही पुलिस ने मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी थी।

क्‍यों था भारत बंद का आह़वान 

भीड़ हिंसा का शिकार बने झारखंड के तबरेज अंसारी को लेकर सोमवार को मंटोला में बवाल हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर की थी। बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को संप्रदाय विशेष के क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। सोशल मीडिया पर इसको लेकर शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया गया। साथ ही अनुसूचित जाति में 17 जातियों को शामिल किए जाने का भी भीड़ जुटाने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है। कुछ अनुसूचित जाति के कथित संगठन भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसको लेकर पुलिस प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया। एडीजी अजय आनंद ने जोन के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए। आगरा में दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान भारी बवाल हुआ था। इसलिए यहां अधिक सतर्कता रही। गुरुवार को दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि जिले में दंगा नियंत्रण स्कीम लागू कर दी गई थी। शहर को पांच जोन और 15 सेक्टर में बांटा गया। हर सेक्टर में पुलिस और पीएसी के साथ आरआरएफ और आरएएफ तैनात की गई। 

शाम को सुचारू हुई इंटरनेट सेवा

देखने में आया है कि पूर्व में विवाद को बढ़ाने में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका रही। इसलिए प्रशासन के आदेश पर एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। शाम छह बजे के बाद अलग-अलग कंपनियों ने अपनी इंटरनेट सेवा चालू की। इस दौरान वाटसएप और फेसबुक बंद होने से लोग भी बेचैन नजर आए।

पूर्व में आगरा में रहे अधिकारियों को बुलाया

बवाल से निपटने को आइजी ए सतीश गणेश और एसएसपी बबलू कुमार ने व्यापक रणनीति बनाई। इसी के तहत पड़ोस के जिलों में तैनात ऐसे पुलिस अधिकारियों को भी बुलाया, जो पूर्व में यहां तैनात रहे और उनकी अच्छी छवि है। इनमें एसपी सिटी मथुरा राजेश कुमार सिंह, एसपी सीबीसीआइडी असीम चौधरी समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।

ऑफिसों में तैनात पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई

दंगा नियंत्रण स्कीम में ड्यूटी के लिए एसएसपी ने ऑफिसों में तैनात पुलिस फोर्स की भी ड्यूटी लगाई। इसके साथ ही यूपी 100 में रिजर्व में रहने वाले फोर्स को साथ में लगाया।

बाहर से आया फोर्स

पीएसी- पांच कंपनी

आरएएफ- एक कंपनी

आरआरएफ- एक कंपनी

एडीशनल एसपी- चार

सीओ- आठ

वर्ष 2004 में बनी थी दंगा नियंत्रण स्कीम

दंगे के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वर्ष 2004 में दंगा नियंत्रण स्कीम बनाई गई थी। इसके मुताबिक शहर को पांच जोन और 15 सेक्टर में बांटा गया। 


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