आगरा, जागरण संवाददाता। धर्मशाला की जमीन पर बिना मानचित्र चल रहे निर्माण कार्य के मामले में एडीए के अधिकारियों की मिलीभगत थी। हादसा होने के बाद अधिकारी बचाव को खेले गए दांव में खुद ही फंस गए। पिछली तारीख में दूसरे राजू मेहरा को नोटिस देकर उन्होंने बचाव की कोशिश की। मगर, मामला खुल गया। गुरुवार रात को एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने इसके लिए अधिशासी अभियंता को जिम्मेदार मानते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है। उनसे प्रवर्तन की जिम्मेदारी छीन ली है।
कोतवाली क्षेत्र में धर्मशाला की जमीन पर बेसमेंट खोदाई के समय टीला माईथान बस्ती के तीन मकान और एक मंदिर ढह गया। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की थी। मगर, कार्रवाई नहीं हुई थी। हादसा होने के बाद बचने एडीए के अधिशासी अभियंता और प्रवर्तन प्रभारी अनुराग चौधरी ने बैकडेट में नेाटिस तैयार करा दिया। एडीए के जूनियर इंजीनियर फुलट्टी निवासी राजू मेहरा के घर गुरुवार शाम 4.45 बजे पहुंचे और उन्हें दो नोटिस थमा दिए। इन पर तारीख के कालम में 23 जनवरी अंकित थी।
राजू मेहरा नोटिस देखकर चौंक गए। क्योंकि उनका धर्मशाला से कोई लेना देना नहीं था। धर्मशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष दूसरे राजू मेहरा हैं। दोनों नोटिस लेकर शाम को ही राजू मेहरा दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और लाेगों को इसकी जानकारी दी। मीडिया से मामला जानकारी में आने पर एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने प्रभारी प्रवर्तन अधिशासी अभियंत अनुराग चौधरी का कार्य से हटा दिया। उन पर दंडात्मक कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र भेजा है।