एडीए संपत्तियों की होगी जियो टैगिग, लैंड बैंक को बढ़ाने का प्रयास
आर्थिक स्थिति को सुधारने पर दिया जाएगा ध्यान अलोकप्रिय संपत्तियों की बिक्री का बनेगा प्रस्ताव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तैयार होंगी योजनाएं
जागरण संवाददाता, आगरा : आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की जमीनों पर कब्जा न हो, इसके लिए एक कदम और उठाया जा रहा है। एडीए संपत्तियों की जियो टैगिग कराई जाएगी। प्रत्येक संपत्ति की एक आइडी बनेगी। नीलामी या फिर आवंटन के दौरान आइडी की मदद से संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी हो सकेगी। वहीं एडीए लैंड बैंक को भी बढ़ाने का प्रयास करेगा। किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन ली जाएगी। जमीन को विकसित किया जाएगा। किसानों को कुछ हिस्सा दिया जाएगा।
एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया की अगुवाई में सोमवार को टीम ने जयपुर हाउसिग बोर्ड और विकास प्राधिकरण कार्यालय का निरीक्षण किया। हाउसिग बोर्ड एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में था, लेकिन कई योजनाओं की मदद से वर्तमान में घाटे के उबर चुका है। योजनाओं की ब्रांडिग पर विशेष ध्यान दिया गया। इसी तरह से जयपुर विकास प्राधिकरण ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। अलोकप्रिय संपत्तियों की बिक्री के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया गया।
टीम में विशेष कार्याधिकारी गरिमा सिंह, मुख्य अभियंता एसके नागर, नगर नियोजक प्रभात कुमार, सुधांशु शर्मा, आर. शर्मा, राजकपूर शामिल रहे। इन बिदुओं पर फोकस करेगा एडीए
- लैंड बैंक को बढ़ावा देना
- अलोकप्रिय संपत्तियों की बिक्री
- एडीए की योजनाओं से अवैध कब्जे को हटाना
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं तैयार करना
- कोचिग सेंटर को एक छत के नीचे लाना
- अवैध कालोनियों पर अंकुश लगाना
आगरा विकास प्राधिकरण की अधिकारियों की लापरवाही के चलते आर्थिक स्थिति खस्ता है। अब प्रयास किया जा रहा है घाटे को पूरा करने का।