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आगरा में एडीए ने भूखंडों में नहीं किया आरक्षण, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग हुआ खफा

आयोग के उपाध्यक्ष संदीप कुमार ने प्रमुख सचिव आवास मंडलायुक्त और एडीए उपाध्यक्ष को जारी किया नोटिस। एडीए कार्यालय में आज सौ भूखंडों की खुलेगी बिड कालिंदी विहार ताजनगरी और शास्त्रीपुरम योजना के हैं भूखंड। एडीए की टीम ने बुधवार दोपहर दयालबाग स्थित राधा वल्लभ स्कूल का निरीक्षण किया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 07:21 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:21 AM (IST)
आगरा में एडीए ने भूखंडों में नहीं किया आरक्षण, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग हुआ खफा
आगरा विकास प्राधिकरण का कार्यालय। फाइल फाेटो

आगरा, जागरण संवाददाता। एक माह पूर्व सौ आवासीय और व्यावसायिक भूखंड की बिड को लेकर रार मच गई है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने कालिंदी विहार, ताजनगरी और शास्त्रीपुरम योजना के लिए निकाले गए भूखंडों में आरक्षण का प्राविधान नहीं किया। इसकी शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग से की गई। आयोग के उपाध्यक्ष संदीप कुमार ने प्रमुख सचिव आवास, मंडलायुक्त और एडीए उपाध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। सप्ताह भर के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। उधर, एडीए कार्यालय में गुरुवार दोपहर सौ भूखंडों की बिड खुलेगी। जिन आवेदनकर्ता ने सबसे अधिक बिड डाली होगी, उसे ही प्लांट आवंटित किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर निवासी रामबाबू का कहना है कि एडीए ने एक माह पूर्व सौ भूखंडों के लिए आवेदन मांगे थे। पहली बार आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के लिए बिड का प्रयोग किया गया। आरक्षण नियमावली का पालन किया जाना चाहिए और पिछड़ी जाति के लोगों के लिए प्लाट आरक्षित किए जाने चाहिए लेकिन अफसरों ने नियमों का उल्लंघन किया। यहां तक अफसरों ने शिकायतों को भी दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि न्याय न मिलने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि आरक्षण का प्राविधान नई योजना के प्लाट में लागू होता है। लावारिस संपत्तियों पर नहीं है।

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राधा वल्लभ स्कूल में एडीए टीम ने लगाए लाल निशान 

एडीए की टीम ने बुधवार दोपहर दयालबाग स्थित राधा वल्लभ स्कूल का निरीक्षण किया। स्कूल के 720 वर्ग मीटर हिस्से में लाल निशान लगाए गए। इतना हिस्सा यमुना नदी के डूब क्षेत्र में आ रहा है। लाल निशान लगने पर स्कूल प्रशासन ने 15 जुलाई तक डूब क्षेत्र में हुए निर्माण को तोड़ने का आश्वासन दिया। वर्ष 2014 में समाजसेवी डीके जोशी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में डूब क्षेत्र में हुए निर्माण को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश पर आधा दर्जन प्रोजेक्ट पर कार्रवाई हो चुकी है। टीम में सहायक अभियंता अनुराग चौधरी, अवर अभियंता वीएन सिंह सहित अन्य शामिल रहे। 


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